रक्षक’ बना ‘मजदूर’: इस शख्स ने राजीव गांधी पर हुआ हमला किया था नाकाम - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 18 दिसंबर 2013

रक्षक’ बना ‘मजदूर’: इस शख्स ने राजीव गांधी पर हुआ हमला किया था नाकाम

jawan become labour
देश की आन-बान और शान के लिए जीवन कुर्बान कर देने का जज्बा रखने वाला बहादुर जवान आज 53 साल की उम्र में मजदूरी करने को मजबूर है। 10 जनवरी, 1981 को पेरा रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए महेंद्रगढ़ की कनीना तहसील के गांव पोटा निवासी भरत सिंह ने श्रीलंका दौरे के समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रीलंकाई सैनिक द्वारा राइफल का बट मारने की रची गई साजिश को नाकाम कर दिया था।

उसके इस कार्य के लिए उन्हें शांति पुरस्कार भी दिया गया। लेकिन वहीं सैनिक आज अपने कंधों पर ईंटों का बोझ लिए हिसार के हांसी में मजदूरी करने को मजबूर है। आजकल वह राजमिस्त्री के साथ मजदूरी कर रहा है।

भरत सिंह के अनुसार वे ग्वालियर में अपनी पत्नी माया देवी से मिलने गए। उस दौरान उनकी वहीं ड्यूटी थी। वहां, हेड क्लर्क प्रीतम सिंह ने कमांडेंट अधिकारी को भरत सिंह के दूसरी शादी करने की शिकायत की। इसके बाद भूमिगत सुरंग में हुए विस्फोट में उसके दोनों पैर जख्मी हो गए। इलाज के दौरान उसके सिर पर करंट लगाकर उसे पागल घोषित कर सेना से वापस भेज दिया। उसे केवल एक डिस्चार्ज पुस्तिका दी गई और उसे पेंशन और अन्य लाभ नहीं दिए गए।

पूर्व सैनिक भरत सिंह हिसार के हांसी कस्बे में इतिहासकार जगदीश सैनी के निर्माणाधीन प्लाट पर ईंटें ढो रहा है। इतिहासकार जगदीश सैनी ने सरकार और सेना से गुहार लगाई है कि देश के इस बहादुर पूर्व सैनिक की सुध ली जाए और उससे धोखा करने वालों पर कार्रवाई करके उसका हक दिलाया जाए। जनता को भी इस जवान की आवाज को उठाना चाहिए।



---मनोज इस्टवाल---

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