ज्यूडिशियल भ्रष्टाचार पर एक नजर ! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 17 मई 2009

ज्यूडिशियल भ्रष्टाचार पर एक नजर !

चंडीगढ़ के पूर्व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट दोषी करार

चंडीगढ़। सीबीआई की विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में चंडीगढ़ के पूर्व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एसएस भारद्वाज को दोषी करार दिया है। जबकि जालंधर के पूर्व सेशन जज आरएम गुप्ता को बरी कर दिया।

अदालत ने शिकायतकर्ता डा। गुरविंदर सिंह समरा पर गुप्ता को झूठी शिकायत में फंसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामले में शनिवार को सजा सुनाई जा सकती है।

शिकायतकर्ता जालंधर निवासी डा। समरा विस्फोटक सामग्री रखने के मामले में गुरदासपुर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। उसकी भारद्वाज से पहचान थी। कई मामलों में फंसे होने के कारण उसने भारद्वाज से बहाली के लिए मदद मांगी थी। सीबीआई में दर्ज की गई शिकायत के अनुसार सामरा ने आरोप लगाया था कि भारद्वाज ने उसका केस रफा-दफा करने के एवज में सेशन जज गुप्ता का नाम लेकर 11 लाख रुपये की मांग की थी। समरा ने भारद्वाज के साथ हुई वार्ता को रिकार्ड कर सीबीआई को सौंपा था।

शिकायत दर्ज होने के अगले दिन 10 मई वर्ष 2003 को सीबीआई ने भारद्वाज के सेक्टर-22 स्थित घर पर छापा मारा था। इस दौरान सीबीआई ने सात लाख रुपये बरामद किए थे, लेकिन भारद्वाज चकमा देकर फरार हो गए थे। उसी दिन जालंधर से चंडीगढ़ आए गुप्ता को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। भारद्वाज ने फरार होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दी थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अदालत में आत्मसर्मपण कर दिया था।


कोई टिप्पणी नहीं: