भारतीय गेंदबाजों खासतौर से रविंदर जडेजा [32/4] के शानदार प्रदर्शन के बाद कार्यवाहक कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने तीसरे वनडे मुकाबले में श्रीलंका से मिले 240 रन के लक्ष्य के आगे विस्फोटक बल्लेबाजी कर मेजबान टीम को बेहतरीन शुरुआत दी है। 16 ओवर की समाप्ति पर भारत ने एक विकेट खोकर 107 रन बना लिए हैं।
टीम इंडिया को मनमाफिक शुरुआत मिली और सलामी जोड़ी सहवाग व सचिन तेंदुलकर ने शुरू में थोड़ा संयम दिखाया लेकिन थोड़ी ही देर में सहवाग आक्रामक हो गए। बतौर कप्तान लचर प्रदर्शन करने वाले सहवाग ने यहां अपना नैसर्गिक खेल जारी रखा और तेजी से खेलते हुए 28 गेंदों में नौ चौकों की मदद से 44 रन ठोक दिए। उन्हें चंका वेलगेदरा ने अपना शिकार बनाया। सहवाग प्वाइंट पर दिलशान के हाथों लपके गए। दूसरे छोर पर शांत खेल रहे सचिन का साथ देने गौतम गंभीर क्रीज पर आए और दोनों ने टीम का स्कोर सौ के पार कराया। सचिन 42 [7 चौके] व गंभीर 18 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। इससे पूर्व श्रीलंकाई टीम तिलकरत्ने दिलशान के ताबड़तोड़ 41 रन और उपल थरंगा [73] के अर्धशतक के बावजूद 44.2 ओवर में 239 रन पर आल आउट हो गई थी। पांच वनडे मैचों की सीरीज में दोनों टीमें एक-एक मुकाबला जीतकर बराबरी पर बनी हुई है।
श्रीलंका को लगातार तीसरे वनडे में शानदार शुरुआत मिली। दिलशान ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मात्र 18 गेंदों में 41 [10 चौके] रन बनाए। दूसरे विकेट के लिए उपल थरंगा [73] और कप्तान कुमार संगकारा [46] के बीच हुई शतकीय साझेदारी [100] ने टीम को बड़े स्कोर की ओर अग्रसर किया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने एक के बाद एक विकेट चटकाकर उनकी हालत पतली कर दी। भारत के लिए रविंदर जडेजा सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 32 रन देकर चार विकेट चटकाए। सीरीज में पहली बार खेल रहे ईशांत शर्मा और आशीष नेहरा को 2-2 विकेट मिले।
इससे पूर्व टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को पिछले दो मैचों में शानदार शतक जड़ने वाले दिलशान और थरंगा ने बेहतरीन शुरुआत दिलाते हुए टीम के लिए 50 रन मात्र 22 गेंदों में जोड़कर मेजबान गेंदबाजों की जमकर खबर ली। दिलशान को एक बार जीवनदान मिला जब दिनेश कार्तिक ने उन्हें नेहरा की गेंद पर रन आउट करने का मौका गंवा दिया। हालांकि नेहरा ने जल्द ही दिलशान को अपनी शाट पिच गेंद पर कार्तिक के हाथों कैच कराकर उनकी आतिशी पारी का अंत किया। इस बल्लेबाज ने मात्र 18 गेंदों में 10 चौकों की मदद से 41 रन की बेजोड़ पारी खेली।
दिलशान के आउट होने के बाद थरंगा ने संगकारा के साथ मोर्चा संभालते हुए दूसरे विकेट के लिए 97 गेंदों पर 100 रन की साझेदारी करते हुए अपनी टीम को बड़े स्कोर की तरफ अग्रसर करने में मदद की। संगकारा अपने अर्धशतक से चार रन पहले सहवाग की गेंद पर बड़ा शाट जमाने के चक्कर में काफी आगे बढ़ गए लेकिन गेंद उनके बल्ले पर नहीं आई जिसका फायदा कार्तिक को मिला और उन्होंने स्टंप उड़ा डाली।
संगकारा के आउट होते ही भारत को जल्दी-जल्दी सफलता मिलने लगी। थरंगा 73 रन के निजी स्कोर पर जडेजा की गेंद पर बोल्ड हो गए। इसके अगले ओवर में महेला जयवर्धने [2] हरभजन की गेंद पर सुरेश रैना के हाथों लपके गए। चमारा कापुगेदरा [15] जडेजा के दूसरे शिकार बने जबकि वनडे सीरीज में वापसी करने वाले ईशांत ने अगले ओवर [36वां ओवर] में लगातार दो गेंद पर दो विकेट चटकाकर मेहमान टीम की विशाल स्कोर की आस पर पानी फेर दिया। उन्होंने पांचवीं गेंद पर थिलन कादांबी [22] को बोल्ड कर पवेलियन भेजा। फिर आखिरी गेंद पर सूरज रणदीव को बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया।
सोमवार, 21 दिसंबर 2009
टीम इंडिया ने धोनी की कमी नहीं होने दिया, भारत की शानदार जीत.
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1 टिप्पणी:
Ye Badhiya hua.
Badhai.
(Roman me likhne ke liye mafi, computer ne virus hamle me dum thod diya hai, do boond aandhu usi ke naam)
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