व्यक्ति के मानसिक कारखाने से घृणा या क्रोध का विचार लोगों की ओर बाण-सन्धान करता है, व्यक्ति को हानि पहुंचाता है, विचार-जगत में विरोध और फूट फैलाता है और फिर भेजने वाले के पास ही लौटता है और उसको भी चोट पहुंचाता है। (स्वामी शिवानन्द )
1 टिप्पणी:
सत्य वचन ! सुन्दर वचन !! कल्याणकारी वचन !!!
सत्यम् ! शिवम् !! सुन्दम् !!!
कोटि-कोटि साधुवाद !!
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