प्रत्येक व्यक्ति का सोचने, समझने और काम करने
का अपना तरीका होता है। जिस तरह एक व्यक्ति
की आकृति और स्वर दूसरे से भिन्न हुआ करती है,
उसी तरह विचारों और समझ में भी अन्तर होता है।
(स्वामी शिवानन्द)
प्रत्येक व्यक्ति का सोचने, समझने और काम करने
का अपना तरीका होता है। जिस तरह एक व्यक्ति
की आकृति और स्वर दूसरे से भिन्न हुआ करती है,
उसी तरह विचारों और समझ में भी अन्तर होता है।
(स्वामी शिवानन्द)
1 टिप्पणी:
सुन्दर विचार!
बढ़िया सन्देश!!
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