देव सेव फल देत है, जाको जैसे भाय।
जैसो मुख पर आरसी, देखो सोई दिखाय॥
(वृंद कवि)
~~~~~
एक टिप्पणी भेजें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें