पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ है :- शिवराज सिंह चौहान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 9 जून 2010

पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ है :- शिवराज सिंह चौहान


भोपाल गैस काण्ड में पीड़ितों को न्याय देने के लिए सरकार ने निचली अदालत में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला लिया. 
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ है और राज्य सरकार इनको न्याय दिलाएगी.
उल्लेखनीय है कि भोपाल की सीजेएम अदालत ने सात जून को भोपाल गैस त्रासदी मामले में सभी आठ दोषियों को दो-दो साल की सज़ा सुनाई थी.
शिवराज सिंह ने कहा कि पीड़ितों को निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने का हक़ है.
चौहान ने कहा, "इस मामले में पीड़ित भोपाल की जनता है और राज्य सरकार उनका प्रतिनिधितत्व करती है. लिहाज़ा राज्य सरकार ने दोषियों की सज़ा बढ़वाने के लिए,पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए अपील करने का फ़ैसला किया है."
इस मामले से जुड़े क़ानूनी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उन्होंने पांच सदस्यीय समिति का भी गठन करने का भी फ़ैसला किया है.

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़

बुधवार को शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि जिस गंभीरता से सज़ा दिलवाने का काम किया जाना चाहिए था वह नहीं हुआ. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि आख़िर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ कोर्ट में पुनर्विचार याचिका क्यों नहीं थी.
चौहान ने कहा कि आख़िर केंद्र सरकार को ये कहने की नौबत ही क्यों आई कि यूनियन कार्बाइड के प्रमुख वॉरेन एंडरसन के ख़िलाफ़ मामला अभी बंद नहीं हुआ है.
ग़ौरतलब है कि केंद्रीय क़ानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा था कि क़ानूनी और तकनीकी रूप से नहीं कहा जा सकता कि एंडरसन के ख़िलाफ़ मामला बंद हो गया है. उनके ख़िलाफ़ मामला अभी जारी है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने भी अदालती फ़ैसले को बेहद असंतोषजनक क़रार दिया है.
उन्होंने ये भी कहा कि इतने अर्से के बाद इस तरह के फ़ैसले पर लोगों की नाराज़गी समझ में आने वाली बात है.
जयराम ने कहा कि साल के अंत तक 'हरित न्यायाधिकरण' की स्थापना की जाएगी ताकि ऐसे मामलों में पीड़ितों को जल्द इंसाफ़ मिल सके.

1 टिप्पणी:

Mohammed Tariq ने कहा…

Bhopal Gas-Kand :: जिन लोगो ने १५००० लोगो को नींद में सुला देने वाले एन्डरसन भोपाल से फिर भारत से भगाने में मदद की उन सब को गिरफ्तार करा जाये क्योंकि भारतीय कानून के अनुसार अपराध में अपराधी का साथ देने वाला या अपराधी को छुपाना , उसे संरक्षण देना या उसे चोरी - छुपे मदद करना , शासकीय मिशनरी का अपराधी को भगाने में दूर उपयोग करने वाला , अपराधी को भागने में मदद करने वाला .... सभी अपराध की श्रेणी में आते हैं ..