नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी के बीच मचे घमासान के बाद भाजपा और जदयू के रिश्ते दोबारा पटरी पर आने का संकेत देते हुए दोनों दलों ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।
दोनों दलों के सूत्रों ने बताया कि 243 सदस्यीय विधानसभा के सीटों का बंटवारा 2005 में हुए चुनाव के आधार पर ही होगा, जिसमें जद(यू) ने 139 और भाजपा ने 102 सीट पर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में शेष दो सीटों पर दोनों दलों ने निर्दलीय उम्मीदवार खड़े किए थे।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू की जदयू प्रमुख शरद यादव के साथ हुई बातचीत में पिछले फार्मूले को अपनाने पर ही आम राय बनी। राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के इन दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे पर आम सहमति बना ली है, हालांकि अभी विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है। वर्तमान विधानसभा की अवधि 23 नवंबर को समाप्त हो रही है। आगामी चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी के बीच मचे घमासान के बाद भाजपा और जदयू के रिश्ते दोबारा पटरी पर आने का संकेत देते हुए दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे को लगभग अंतिम रूप दे दिया है।
दोनों दलों के सूत्रों ने बताया कि 243 सदस्यीय विधानसभा के सीटों का बंटवारा 2005 में हुए चुनाव के आधार पर ही होगा, जिसमें जद(यू) ने 139 और भाजपा ने 102 सीट पर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में शेष दो सीटों पर दोनों दलों ने निर्दलीय उम्मीदवार खड़े किए थे।
बताया जाता है कि भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू की जदयू प्रमुख शरद यादव के साथ हुई बातचीत में पिछले फार्मूले को अपनाने पर ही आम राय बनी। राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के इन दोनों दलों ने सीटों के बंटवारे पर आम सहमति बना ली है, हालांकि अभी विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है। वर्तमान विधानसभा की अवधि 23 नवंबर को समाप्त हो रही है। आगामी चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
इसी महीने की 12 तारीख से शुरू हुए घटनाक्रम में हालात इतनी तेजी से बिगड़े कि एक समय लगने लगा था कि सत्तारूढ़ गठबंधन टूट जाएगा। पटना में भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान प्रदेश के अखबारों में छपे उन विज्ञापनों पर नीतीश ने सख्त आपत्ति जताई, जिनमें नरेन्द्र मोदी के साथ हाथ मिलाते उनके फोटो छापे गए थे और कोसी बाढ़ के समय गुजरात सरकार की ओर से बिहार को दी गई सहायता का बखान किया गया था।
इन विज्ञापनों से बिहार के मुख्यमंत्री इतने अधिक नाराज हो गए कि उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के लिए आए प्रतिनिधियों के सम्मान में दिए भोज तक को रद्द कर दिया और विज्ञापन छापने वाली कंपनी इम्प्रेशन के कार्यालय पर छापे पड़वाए। यही नहीं कुछ दिन पहले बिहार सरकार ने गुजरात सरकार को कोसी बाढ़ सहायता के लिए दिया धन भी लौटा दिया। टूट के कगार पर पंहुच चुके गठबंधन को दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने कई दौर की वार्ता के बाद बचाया ।
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