केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों के बारे में महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि अब इनकी कीमतें बाजार अन्तराष्ट्रीय बाजार के भाव के हिसाब से तय की जाएगी.
मंत्रिमंडल के अनुसार क़ीमतों की समीक्षा हर पंद्रह दिन पर की जाएगी लेकिन ये क़ीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के हिसाब से ही तय होंगी.
कैबिनेट ने पेट्रोल की क़ीमतों पर दी गई सब्सडी ख़त्म करते हुए कहा है कि अब ये क़ीमतें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में चल रही क़ीमतों के आधार पर तय की जाएंगी. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने ने पेट्रोल डीज़ल और एलपीजी गैस सिलेंडरों की क़ीमतों में बढ़ोतरी कर दी है.
मंत्रिमंडल के इस फ़ैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रयास रहेगा कि डीज़ल की क़ीमतें भी बाज़ार के हिसाब से तय हों.
इस बार मंत्रिमंडल ने पेट्रोल की क़ीमतों में प्रति लीटर साढ़े तीन रुपए की बढ़ोतरी की गई है जबकि डीज़ल की क़ीमतों में प्रति लीटर दो रुपए की वृद्धि हुई है.
एलपीजी या कुकिंग गैस की क़ीमतों में 35 रुपए की बढ़ोतरी हुई है जिसके साथ ही अब दिल्ली में गैस की क़ीमत 345 रुपए हो जाएगी.
पेट्रोल-डीज़ल के साथ साथ केरोसीन की क़ीमतें भी बढ़ी हैं. केरोसीन की दरों में तीन रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है. केरोसीन की क़ीमतें 2002 से बाद पहली बार बढ़ाई गई हैं.
माना जा रहा है कि पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में बढ़ोतरी के कारण बाकी चीज़ों की क़ीमतों में भी बढ़ोतरी होगी.
अब तक पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतें सरकार ही तय करती रही हैं और इस पर सब्सिडी के ज़रिए दामों को कम रखा गया है लेकिन अब कैबिनेट ने अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के हिसाब से क़ीमतों को तय करने का महत्वपूर्ण फ़ैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पेट्रोल डीज़ल की क़ीमतों में लगातार बढ़ोतरी होती रही है इसलिए ये उम्मीद करना निरर्थक होगा कि आने वाले दिनों में क़ीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के हिसाब से कोई कमी आएगी.
इस समय मंहगाई की दर क़रीब 16 प्रतिशत है और पेट्रोल डीज़ल के दाम बढ़ने से मंहगाई दर के भी बढ़ने की पूरी संभावना है.
भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि ये आम आदमी के साथ अन्याय है.
1 टिप्पणी:
सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। हम भी धैर्य छोड़नें को तैयार नहीं
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