अपने कष्ट के लिए दूसरों को जिम्मेवार ठहरानासबसे बड़ी भ्रान्ति है| दूसरे के अवगुणों औरअपने गुणों पर ध्यान मत दो| जो अपने लिएकुछ नहीं चाहता, उस व्यक्ति को सब पसंद करते हैं|
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