बिहार विधानमंडल के आज से शुरू हुए मानसूत्र के पहले दिन राज्य के विभिन्न विभागों में की कथित वित्तीय अनियमितता का मामला छाया रहा. नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी के इस्तीफ़े की मांग की.बिहार विधानमंडल की आज कार्यवाही शुरू होने के पूर्व राजद, वामदल और कांग्रेस के सदस्यों ने दोनों सदनों के प्रवेश द्वारा हाथों में पोस्टर लिए राज्य के विभिन्न विभागों में 2002-03से लेकर 2007-08 के दौरान 11412.54 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितता को लेकर नारेबाजी की और नीतीश और मोदी से अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा देने की मांग की.विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस की ज्योति कुमारी, महाचंद्र प्रसाद सिंह और चंदन बागची ने वित्तीय अनियमितता का मामला उठाया और अध्यक्ष के आसन के करीब आ गये. उन्होंने हाथों में अखबारों की प्रति एवं पोस्टर लिए सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने अखबार की प्रति लहराते हुए कहा कि राज्य के पंचायती राज विभाग में इसी प्रकार के कथित घोटाला का खुलासा हुआ, इसलिए उसकी भी जांच हो.कांग्रेस के इन सदस्यों के समर्थन में माकपा के वासुदेव सिंह और लोजपा के राजेंद्र राय भी अध्यक्ष के आसन के करीब आ गए, जबकि अन्य विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े हो गए. विपक्षी सदस्यों के इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब दस मिनट बाधित रही पर बाद में सभापति ताराकांत झा के समझाने और कांग्रेस के अरूण कुमार के कहने पर सभी सदस्य अपनी स्थानों पर लौट गए और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली.
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