केरल हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद एम. कोडिकुन्निल सुरेश को चुनाव लड़ने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र का सहारा लेने के आरोप में अयोग्य करार दिया है। कांग्रेस सांसद सुरेश पांच बार लोकसभाके लिए चुने जा चुके हैं। वह कांग्रेस संसदीय सचिव और कार्यसमिति के सदस्य भी हैं। ऐसे में यह मामला कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। इस बीच सुरेश ने कहा है कि वह पार्टी हाइकमान और अपने वकील से परामर्श के बाद हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने इस सारे मामले को अपने खिलाफ एक साजिश बताया है।एससी कोटे के तहत रिजर्व सीट मावलीक्करा सीट से प्रतिनिधित्व करने वाले सुरेश चेरामार क्रिश्चियन हैं, किंतु उन्होंने चेरामार हिंदू होने का प्रमाणपत्र दिया हुआ है।
सुरेश ने 2009 के लोकसभा चुनाव में मावलीक्करा सीट से सीपीआई के आरएस अनिल को 45 हजार से भी अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता था। अनिल ने सुरेश के निर्वाचन को अदालत में यह कहते हुए चुनौती दी कि सुरेश स्कूल सर्टिफिकेट के मुताबिक क्रिश्चियन हैं। न्यायाधीश जी. शशिधरन नांबियार ने अपने 160 पेज के फैसले में कहा कि अपनी जाति को लेकर सुरेश के बयान परस्पर विरोधी थे। स्कूल सर्टिफिकेट के मुताबिक वह कनवर्टिड क्रिश्चियन हैं। इसलिए वह एससी कोटे के सदस्य की सुविधाएं लेने के हकदार नहीं हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें