पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सोमवार तड़के उत्तरबंगा एक्सप्रेस ने सैंथिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी भागलपुर-रांची वनांचल एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिसमें रेलवे के तीन कर्मचारियों सहित 60 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
रेल मंत्री ने घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले कहा कि यह दुखद घटना है। लोगों की जान बहुत महत्वपूर्ण है। हमें इस हादसे पर गहरा खेद है। दो महीने के भीतर पश्चिम बंगाल में यह दूसरा हादसा है।
ममता बनर्जी ने कहा कि मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट संबंधी को पांच लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायल को 25,000 रुपये दिए जाएंगे।
इस हादसे के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा राहत बल के पांच दलों को घटनास्थल पर भेजा है। मंत्रालय की ओर से मौके पर भेजे गए पांच दलों में कुल 140 बचावकर्मी शामिल हैं। इनमें से तीन बचाव दल मौके पर पहुंच चुके हैं जबकि दो जल्द पहुंचने वाले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। पार्टी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि सोनिया ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवदेना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों के जल्द सेहतमंद होने की कामना की है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता तरुण विजय ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने रेल मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि बनर्जी को बिना मंत्रालय का ही मंत्री होना चाहिए। पूर्व रेल मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने दुख प्रकट करते हुए इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की ओर से भी यही मांग की गई है। पूर्वी रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हादसे में 60 लोग मारे गए हैं और 157 से अधिक घायल हुए हैं। यह हादसा सोमवार तड़के 2.15 बजे हावड़ा से 191 किलोमीटर दूर सैंथिया स्टेशन पर हुआ। मारे गए लोगों में उत्तरबंगा एक्सप्रेस का चालक व सहचालक और वनांचल एक्सप्रेस का एक सुरक्षा गार्ड भी शामिल है।
अब तक बरामद सभी शवों को सूरी स्थित जिला अस्पताल में भेज दिया गया है। मौके पर पांच चिकित्सा दल पहुंच चुके हैं। पूर्वी रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त एस साहू ने बताया कि लगभग 150 घायलों को सूरी और सैंथिया के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
हादसे की वजह से इस रेलखंड पर रेलसेवाएं बाधित हुई हैं। मालदा-हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित कई रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। पूर्वी रेलवे महाप्रबंधक वीएन त्रिपाठी के अनुसार इस बात की जांच का आदेश दे दिया गया है कि दोनों रेलगाड़ियां कैसे एक रेलेवे लाइन पर आ गईं। यह हादसा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के पटरी उतरने की घटना के 52 दिनों बाद बाद हुआ है। पश्चिम मिदनापुर जिले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 148 लोग मारे गए थे।
सोमवार, 19 जुलाई 2010
पश्चिम बंगाल में फिर रेल दुर्घटना !!
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