उत्तरी चिली में स्थित तांबे और सोने की इस ख़दान में ज़मीन में सुरंग बनाकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
रविवार को जब ये ख़बर आई कि सोने और तांबे की ख़दान में फंसे इन 33 मज़दूरों ने अपने सुरक्षित बचे रहने का इंतज़ाम कर लिया है और पिछले सत्रह दिनों से जीवित बचे हुए हैं तो इनके परिवार वालों को ये चमत्कार जैसा लगा.
लेकिन अधिकारियों ने इनके परिवारवालों को चेतावनी दी है कि वे अभी ज़्यादा खुश न हों क्योंकि इन्हें ख़दान से बाहर निकालने में अभी कम से कम चार महीने लगेंगे.
इस संदेश का यही मतलब है कि मज़दूरों को अभी अपने आप पर ही भरोसा रखना होगा. बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे एंद्रे सोगार्ट का कहना है कि इन लोगों के परिवारजनों को मनोवैज्ञानिकों ने उन्हें सलाह दी है कि वे फ़िलहाल आशावादी बने रहें.
बचाव और राहत कर्मियों का कहना है कि खदान में फंसे लोगों के लिए सुराग के जरिए प्लास्टिक की ट्यूब में ग्लूकोज तथा अन्य तरल पदार्थ भेजने की योजना है ताकि फंसे हुए लोगों को जिंदा रहने के लिए पर्याप्त खुराक मिल सके.
चिली सोने और तांबे का प्रमुख उत्पादक देश है और उसके पास खनिकों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था है.
हालांकि इन खानों में बड़ी दुर्घटनाएं बहुत कम होती हैं.
बताया जा रहा है कि इस घटना का चिली के खनन पर कोई असर नहीं पडेगा.
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