अगले वत्तीय वर्ष से आयकर सीमा में छूट की बढ़ोत्तरी संभव !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

अगले वत्तीय वर्ष से आयकर सीमा में छूट की बढ़ोत्तरी संभव !!

केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने गुरूवार को प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) को मंजूरी दे दी है। केबिनेट की मुहर लगने के बाद अब सोमवार को लोकसभा में डीटीसी बिल पेश किया जाएगा। डीटीसी से देश के करोड़ों करदाताओं को राहत मिलेगी। इससे कर भरने की प्रक्रिया आसान होने के साथ ही आयकर सीमा में छूट भी बढ़ जाएगी। नई कर संहिता अगले वित्तीय वर्ष (अप्रेल 2011) से लागू होगी। डीटीसी के तहत दो लाख रूपए तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगेगा। अभी सालाना 1,60,000 रूपए से ज्यादा की आय पर कर लगता है। नए बदलाव में करदाताओं को 40 हजार रूपए की छूट और मिलेगी। इससे उन्हें सालाना 4,120 रूपए की बचत का मौका मिलेगा। कर छूट की सीमा में प्रत्येक 10,000 रूपए की वृद्धि से 1,030 रूपए की बचत होती है। राजस्व पर छूट का असर पता लगाने के बाद ही रकम तय होगी।
अभी सालाना 1,60,000 रूपए से ज्यादा की आय पर कर लगता है। नए बदलाव में करदाताओं को 40 हजार रूपए की छूट और मिलेगी। इससे उन्हें सालाना 4,120 रूपए की बचत का मौका मिलेगा। कर छूट की सीमा में प्रत्येक 10,000 रूपए की वृद्धि से 1,030 रूपए की बचत होती है। राजस्व पर छूट का असर पता लगाने के बाद ही रकम तय होगी।

केबिनेट की मंजूरी का मतलब जिस रूप में आ रहा है, उसी रूप में लोकसभा में भी पास होने की संभावना है। यह 1 अप्रेल 2011 से लागू हो सकता है। सरकार इसे हर हाल में लागू करना चाहती है। इसलिए इसी सत्र में इसे संसद में पेश किया जा रहा है।

सरकार को प्रत्यक्ष कर व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने का मौका मिला है। प्रत्यक्ष कर संहिता से सबसे ज्यादा फायदा वेतनभोगी और आम आयकरदाता को होगा। इसके अलावा कॉरपोरेट सेक्टर को प्रोत्साहन मिलेगा। आयकर विभाग का पुनर्गठन होने से अर्थव्यवस्था में व्याप्त विकृतियां दूर होंगी और देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में खड़ी हो सकेगी।-डॉ. जयंतीलाल भंडारी, अर्थशास्त्री

सरकार ने संशोधित मसौदे के लिए सार्वजनिक स्तर पर सुझाव मांगे थे। इसमें टैक्स दरें कम करने, टैक्स स्लैब बढ़ाने के साथ पीपीएफ, एनएससी, पीएफ, यूनिट लिंक्ड सेविंग स्कीम पर छूट बरकरार रखने के सुझाव दिए गए थे। ये मसौदे में शामिल हैं या नहीं इसका खुलासा संसद में पेश होने पर ही होगा।- सीए गोविंद अग्रवाल

दो लाख रूपए तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं।
वरिष्ठ नागरिकों को 2.5 लाख रूपए की आय तक कर छूट का प्रावधान।
2-5 लाख रूपए तक सालाना आय पर 10 फीसदी
5-10 लाख पर 20 फीसदी कर
10 लाख से ज्यादा सालाना आय पर 30 फीसदी तक कर का प्रस्ताव।
कॉरपोरेट कर 30त्न बरकरार रहेगा। पर कोई सरचार्ज या सेस नहीं होगा। 
गृह ऋण पर छूट बरकरार, 1.5 लाख तक के गृह ऋण पर छूट बनी रहेगी।

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