कोहली ने सेना पर आरोप लगाया है कि उनके बेटे की आत्महत्या का दावा कर उन्होंने उसकी छवि को खराब किया है. कोहली ने अपने बेटे के सम्मान को बहाल करने की मांग की.
वीणा कोहली की बेटी नम्रता के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने लिखा है कि एंटनी ने परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की फिर से जांच की जाएगी. नम्रता ने कहा, "हमने रक्षा मंत्री से 15-20 मिनट बात की और मेरे भाई की मौत की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की. उन्होंने हमें इसका आश्वासन दिया है."
18 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन कोहली 30 अप्रैल 2006 के दिन लोलाब में अपने बैरक में मृत मिले थे. उनके शरीर पर गोलियों के घाव थे. मौत से दो ही महीने पहले सुमित कोहली को शौर्य चक्र दिया गया था. बेटे की मौत के दुख से पिता को हार्ट अटैक हुआ. बेटे के अंतिम संस्कार के एक ही दिन बाद पिता की भी मौत हो गई.
तब से वीणा कोहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित दूसरी जानकारी और कागजात पाने की कोशिश करती रही हैं. सूचना के अधिकार के आधार पर जानकारी लेने की कोशिश तब नाकाम हो गई जब सेना ने कहा कि सूचना का अधिकार जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होता. इसके बाद कोहली ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की. हाई कोर्ट ने सेना को जानकारी देने का निर्देश दिया.
वीणा कोहली के वकील ने कहा कि कागजात मिलने के बाद कैप्टन कोहली की हत्या के हालात पर संदेह पैदा हुआ. उन्होंने कहा, "शव परीक्षण और मेडिकल रिपोर्टों में भी विरोधाभास है. हमने इन दस्तावेज़ों की कॉपी भी रक्षा मंत्री को दी है. उन्होंने हमारी बात बहुत ध्यान से सुनी और आश्वासन दिया कि युवा अधिकारी की मौत की फिर से जांच की जाएगी."
वीणा कोहली ने कहा, "उसकी मौत कैसे हुई यह पता लगना चाहिए. मैंने पहले सोचा था कि सेना जो भी कह रही है सही है, लेकिन मैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट चाहती हूं ताकि मैं पूरी तरह संतुष्ट हो. मुझे विश्वास नहीं होता कि उसने आत्महत्या की होगी. वह शौर्य चक्र विजेता था और एक बहादुर ऑफिसर था. वह ऐसा कर ही नहीं सकता."
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