दिल्ली में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील समारोहों की शुरूआत करेंगी जबकि कोलकाता में प्रार्थना सभा और फिल्मोत्सव से यह शुरूआत हो चुकी है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील शनिवार को दिल्ली में मदर टेरेसा के सम्मान में एक बैठक का उद्घाटन करेंगी। "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" (मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संस्था) की सुपीरियर जनरल सिस्टर प्रेमा, विभिन्न धर्मो के प्रतिनिधि और राजनेता यहां विज्ञान भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करेंगे।
मदर टेरेसा के जीवन पर आधारित एक नृत्य नाटिका का दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल में शुक्रवार और रविवार शाम मंचन होगा। इस अवसर पर इंडिया हेबिटेट सेंटर में मदर टेरेसा के जीवन और कार्यो पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। कोलकाता में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" के वैश्विक मुख्यालय में गुरूवार को दो घंटे तक चली पवित्र प्रार्थना सभा के साथ मदर टेरेसा के जन्म शताब्दी समारोहों की शुरूआत हो गई।
प्रार्थना सभा में करीब 1,000 नन, पादरी और अन्य लोग शामिल हुए। सुबह 6.30 बजे मदर हाउस में यह प्रार्थना सभा शुरू हुई। प्रार्थना सभा में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" की सुपीरियर-जनरल सिस्टर प्रेमा और इस पद पर पूर्व में कार्यरत सिस्टर निर्मला भी मौजूद थीं। मदर टेरेसा की समाधि पर मोमबत्तियां जलाई गईं और उसे फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर भारतीय रेलवे ने एक रेलग़ाडी प्रदर्शनी के जरिए मदर टेरेसा को अपनी श्रद्धांजलि दी है।
गुरूवार शाम सियालदाह स्टेशन पर रेल मंत्री ममता बनर्जी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी। "मदर एक्सप्रेस" नाम की यह रेलग़ाडी अगले छह महीने के दौरान विभिन्न स्टेशनों के बीच चलेगी। इसमें तीन वातानुकूलित कोच होंगे जिनमें मदर टेरेसा की तस्वीरें और उनके लेखों का प्रदर्शन होगा जो उनके जीवन, काम और संदेश पर प्रकाश डालेंगे। मदर टेरेसा की जन्मशती के अवसर पर उन्हें ईसाई शुचिता की अनुकरणीय प्रतिमूर्ति बताते हुए पोप बेनेडिक्ट 16वें ने सभी से उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए आध्यात्मिकता तथा गरीबों व बीमारों की सेवा के उदाहरण से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। पोप ने वैटिकन से भेजे संदेश में कहा कि वह समारोहों की आध्यात्मिकता में शामिल हो रहे हैं।
पोप ने अपने संदेश में विश्वास जताया कि गिरजाघर और दुनियाभर के लिए शताब्दी वर्ष मदर टेरेसा को अपने जीवन में मिले अमूल्य उपहार के लिए भगवान के प्रति हर्षित आभार व्यक्त करने के एक अवसर के रूप में मनाया जाएगा। जन्मशती समारोहों के तहत गुरूवार को कोलकाता में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआत हुई।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त मदर टेरेसा के जीवन पर आधारित फिल्म "मदर टेरेसा" के प्रदर्शन से महोत्सव शुरू हुआ। मदर टेरेसा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2010 (एमटीआईएफएफ 2010) के नाम से आयोजित इस समारोह में अंग्रेजी व विदेशी भाषाओं की 15 फिल्मों का प्रदर्शन होगा। मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को अल्बानिया में हुआ था। उन्होंने भारतीय नागरिकता ग्रहण कर ली थी और अपना जीवन गरीबों, निराश्रितों और बीमारों की सेवा में समर्पित कर दिया था। वह 1929 में भारत आई थीं। उन्होंने 21 साल पहले कोलकाता में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" के मुख्यालय की स्थापना की थी, यहां पांच सितंबर, 1997 को उनका निधन हो गया। उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में उनके मानवीय कार्यो के लिए भारत के सर्वोच्चा नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।
अब "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" में 4,500 से ज्यादा सिस्टर्स हैं और यह संस्था 133 देशों में सक्रिय है। यह संस्था एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक पीç़डतों के लिए आश्रय स्थल चलाती है।
मदर टेरेसा के जीवन पर आधारित एक नृत्य नाटिका का दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल में शुक्रवार और रविवार शाम मंचन होगा। इस अवसर पर इंडिया हेबिटेट सेंटर में मदर टेरेसा के जीवन और कार्यो पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। कोलकाता में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" के वैश्विक मुख्यालय में गुरूवार को दो घंटे तक चली पवित्र प्रार्थना सभा के साथ मदर टेरेसा के जन्म शताब्दी समारोहों की शुरूआत हो गई।
प्रार्थना सभा में करीब 1,000 नन, पादरी और अन्य लोग शामिल हुए। सुबह 6.30 बजे मदर हाउस में यह प्रार्थना सभा शुरू हुई। प्रार्थना सभा में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" की सुपीरियर-जनरल सिस्टर प्रेमा और इस पद पर पूर्व में कार्यरत सिस्टर निर्मला भी मौजूद थीं। मदर टेरेसा की समाधि पर मोमबत्तियां जलाई गईं और उसे फूलों से सजाया गया था। इस अवसर पर भारतीय रेलवे ने एक रेलग़ाडी प्रदर्शनी के जरिए मदर टेरेसा को अपनी श्रद्धांजलि दी है।
गुरूवार शाम सियालदाह स्टेशन पर रेल मंत्री ममता बनर्जी इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगी। "मदर एक्सप्रेस" नाम की यह रेलग़ाडी अगले छह महीने के दौरान विभिन्न स्टेशनों के बीच चलेगी। इसमें तीन वातानुकूलित कोच होंगे जिनमें मदर टेरेसा की तस्वीरें और उनके लेखों का प्रदर्शन होगा जो उनके जीवन, काम और संदेश पर प्रकाश डालेंगे। मदर टेरेसा की जन्मशती के अवसर पर उन्हें ईसाई शुचिता की अनुकरणीय प्रतिमूर्ति बताते हुए पोप बेनेडिक्ट 16वें ने सभी से उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए आध्यात्मिकता तथा गरीबों व बीमारों की सेवा के उदाहरण से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। पोप ने वैटिकन से भेजे संदेश में कहा कि वह समारोहों की आध्यात्मिकता में शामिल हो रहे हैं।
पोप ने अपने संदेश में विश्वास जताया कि गिरजाघर और दुनियाभर के लिए शताब्दी वर्ष मदर टेरेसा को अपने जीवन में मिले अमूल्य उपहार के लिए भगवान के प्रति हर्षित आभार व्यक्त करने के एक अवसर के रूप में मनाया जाएगा। जन्मशती समारोहों के तहत गुरूवार को कोलकाता में चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआत हुई।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त मदर टेरेसा के जीवन पर आधारित फिल्म "मदर टेरेसा" के प्रदर्शन से महोत्सव शुरू हुआ। मदर टेरेसा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2010 (एमटीआईएफएफ 2010) के नाम से आयोजित इस समारोह में अंग्रेजी व विदेशी भाषाओं की 15 फिल्मों का प्रदर्शन होगा। मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को अल्बानिया में हुआ था। उन्होंने भारतीय नागरिकता ग्रहण कर ली थी और अपना जीवन गरीबों, निराश्रितों और बीमारों की सेवा में समर्पित कर दिया था। वह 1929 में भारत आई थीं। उन्होंने 21 साल पहले कोलकाता में "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" के मुख्यालय की स्थापना की थी, यहां पांच सितंबर, 1997 को उनका निधन हो गया। उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में उनके मानवीय कार्यो के लिए भारत के सर्वोच्चा नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।
अब "मिशनरीज ऑफ चैरिटी" में 4,500 से ज्यादा सिस्टर्स हैं और यह संस्था 133 देशों में सक्रिय है। यह संस्था एचआईवी/एड्स, कुष्ठ और तपेदिक पीç़डतों के लिए आश्रय स्थल चलाती है।
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