देश भर में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम :- पी चिदंबरम !! - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 30 सितंबर 2010

देश भर में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम :- पी चिदंबरम !!


अयोध्या विवाद पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर केन्द्र ने बुधवार को कहा कि उसने कानून व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश भर में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किये हैं। सरकार ने मामले के संबद्ध पक्षों और समाज के हर खासो आम से शांति और सदभाव बनाये रखने की अपील भी की।

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कानून व्यवस्था और शांति बनाये रखने में उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता करने के उद्देश्य से केन्द्र ने पर्याप्त उपाय किये हैं और देश भर में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात किये गये हैं। उन्होंने कहा कि मैं एक बार पुन: देश की जनता के सभी वर्गों से यह अपील करूंगा कि वे सरकार के साथ सहयोग करें और अपने देश के मूल्यों को कायम रखें।
इस सवाल पर कि क्या उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने केन्द्र द्वारा मुहैया कराये गये अर्धसैनिक बलों की कम संख्या को लेकर नाराजगी जतायी है और इस संबंध में कोई पत्र लिखा है, चिदंबरम ने कहा कि एक पत्र तो आया है। सतीश मिश्रा (वरिष्ठ बसपा नेता और मायावती के नजदीकी) ने मुझसे बात की है और वह हमारी ओर से मुहैया करायी जा रही मदद से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हर तरह के पुलिसबल को मिलाकर कुल एक लाख 90 हजार पुलिसकर्मी हैं। मेरा मानना है कि कानून व्यवस्था की स्थिति कायम करने के लिए यह संख्या काफी है।

चिदंबरम ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत अब नब्बे के दशक से आगे बढ़ चुका है विशेषकर वे लोग जो 1992 के बाद पैदा हुए, उनका नजरिया एकदम अलग है। एक सरकार के रूप में हमने पर्याप्त कदम उठाये हैं और पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की है और मुझे किसी तरह की कोई समस्या नहीं नजर आती। चिदंबरम ने कहा कि 22 सितंबर 2010 को मैंने लोगों से एक अपील की थी कि वे विशेष खंडपीठ के निर्णय का सम्मान करें और संयम बरतें तथा शांति और सौहार्द्र बनाये रखें। अब यह निर्णय 30 सितंबर को सुनाया जाना है। मेरे विचार से छह दिन के इस विलंब से एक अप्रत्याशित लाभ हुआ है। इससे अनेक दलों, संगठनों और व्यक्तियों को इस बात को दोहराने का अवसर मिला है कि वे न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगे।

उन्होंने कहा कि मुख्य राजनीतिक दलों ने कानून की निर्धारित प्रक्रिया में अपना विश्वास व्यक्त किया है। राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित अन्य अनेक संगठनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वे न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगे और यदि उचित होगा तो अपने मामले को कानून के अनुसार आगे बढा़एंगे। आम नागरिकों ने भी इस विवाद के न्यायिक समाधान के पक्ष में वक्तव्य दिया है। ये सब इस बात के सकारात्मक संकेत हैं कि फैसले के बाद शांति और सौहार्द बना रहेगा।

इस मामले को लेकर विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के कथित बयान के बारे में पूछे गये सवालों पर चिदंबरम ने कहा कि मैं ऐसे बयानों पर टिप्पणी नहीं करूंगा। अधिकांश जनता ने स्पष्ट तौर पर राय दी है कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करेगी। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक के बाद से अब तक लोग काफी आगे बढ़ चुके हैं और महसूस किया है कि इस विवाद का केवल न्यायिक प्रक्रिया के जरिए ही हल निकल सकता है।

चिदंबरम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे कानून व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। सभी राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक वकील के रूप में वह जिस तरह से विभिन्न मसलों को समझते हैं, उसके मुताबिक उच्च न्यायालय के निर्णय से असंतुष्ट या असहमत एक या अधिक पक्ष उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे और इस संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाये जाने के तुरंत बाद शीर्ष अदालत में जाने की मौखिक अपील की जा सकती है।

मुख्य विपक्षी भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा इस विवाद को लेकर की गयी कथित टिप्पणियों पर ध्यान दिलाये जाने पर चिदंबरम ने कहा कि भाजपा की आधिकारिक स्थिति यही है कि अदालत के फैसले का सम्मान किया जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि देश का युवा अब काफी आगे निकल गया है और वह समझता है कि भारत की कहानी किसी एक विवादित स्थल के स्वामित्व से जुडी़ नहीं है, बल्कि कहानी कहीं इससे आगे की और इससे कहीं बडी़ एवं व्यापक है। युवा इस बात को समझते हैं कि किसी एक जगह के विवाद को लेकर यह कहानी पटरी से नहीं उतरनी चाहिए।

यह पूछने पर कि क्या केन्द्र को अयोध्या या देश के किसी अन्य हिस्से में बडे़ पैमाने पर लोगों को एकत्र करने या भड़काए जाने के कोई संकेत मिले हैं, चिदंबरम ने कहा कि केवल एक संकेत अब तक मिला है कि संदिग्ध संदेशों के माध्यम से लोगों से संपर्क किया जा रहा है। इसीलिए सरकार ने बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध लगाया। चिदंबरम ने कहा कि इस न्यायिक फैसले में किसी की जीत या हार की बात करना पूरी तरह गलत होगा। न तो कोई जीतेगा और न ही कोई हारेगा। एक अत्यंत प्रशिक्षित वकील के लिए भी यह कहना काफी मुश्किल होगा कि कौन जीता है और कौन हारा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद पर अदालती फैसले के मद्देनजर केन्द्र सरकार को अपनी ओर से जो कदम उठाने थे, उसने उठाये हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों को साफ कहा गया है कि वे कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सख्ती से हर कदम उठायें। एक सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर दिल्ली में आयोजित हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियों या सुरक्षा पर कोई असर नहीं पडे़गा।

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