मोदी को जान का खतरा, वापसी से इनकार. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

मोदी को जान का खतरा, वापसी से इनकार.

इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व आयुक्त ललित मोदी का मानना है कि कुछ अवांछित तत्वों से उनकी जिंदगी को खतरा है और स्थिति में सुधार होने तक वह भारत वापस नहीं आएंगे।

क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) के मोदी को भेजे गये कारण बताओ नोटिस के संबंध में मोदी के वकील महमूद आब्दी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आब्दी से जब पूछा गया कि मोदी कब भारत लौटेंगे तो उन्होंने कहा कि कुछ अवांछित तत्वों से उनकी जान को खतरा है और वह स्थिति में सुधार होने तक नहीं लौटेंगे।

आरपीओ ने नोटिस में कहा है कि क्यों न उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए। इसके जवाब में आब्दी ने कहा कि उनका मुवक्किल ने स्पष्टीकरण मांगा है कि जवाब देने की समयसीमा कब समाप्त हो रही है। आब्दी ने कहा कि हमने आरपीओ से यह भी कहा कि उसने 15 अक्टूबर को किन दस्तावेजों के आधार नोटिस जारी किया था।

उन्होंने कहा कि नोटिस का जवाब देने से पहले मोदी का यह जरूर पता चलना चाहिए कि प्रवर्तन निदेशालय के आरपीओ को भेजे गए गए किस संदर्भ के आधार पर नोटिस जारी किया गया। नोटिस के अनुसार मोदी को 15 दिन के अंदर जवाब देना होगा लेकिन आब्दी ने कहा कि 15 दिन का समय नोटिस मिलने की तिथि से शुरू होना चाहिए जो कि 20 अक्टूबर है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारे अनुसार समयसीमा चार अक्टूबर को समाप्त होती है। हमने 26 अक्टूबर को आरपीओ को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला है।

कोई टिप्पणी नहीं: