राहुल गांधी जब तब लोगो को चौंकाते रहते हैं. लेकिन इस बार तो उन्होंने वो किया जिसको सुनकर किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा है. उन्होंने गोरखपुर से मुंबई ट्रेन में सेकण्ड क्लास की बोगी में आम आदमियों के साथ सफर किया.
इस बोगी में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के वे मजदूर थे जो मुंबई मजदूरी करने जाते हैं. उनकी इस यात्रा की किसी को भनक तक नहीं लगी. बुधवार को जब पता चला तो प्रदेश के खुफिया और पुलिस महकमे में हडकंप मच गया. उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर ब्रज लाल ने इस यात्रा पर एसजीपी के निदेशक को पत्र भेजकर आपात्ति जताई है.
राहुल दिल्ली से 18 अक्तूबर को एक चार्टर्ड प्लेन से गोरखपुर हवाई अड्डे आए. दिल्ली से ही ई-टिकट से राहुल समेत 9 लोगो के टिकट बुक किये गए थे. ये सभी टिकट वेटिंग में थे जिन्हें रेलवे बोर्ड से कन्फर्म कराया गया. गोरखपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक जाने वाली स्पेशल तें की एस-3 बोगी में 33 नंबर की बर्थ पर राहुल अपने एसपीजी कमांडो के साथ चुप चाप बैठ गए. ट्रेन चली तो लोगो से उन्होंने बात चीत शुरू की. इस बोगी में सफर करने वाला हर शख्स राहुल को अपने बीच पाकर हैरान था.
राहुल ने लोगो से उनकी परेशानियां जाननी शुरू की. उन्होंने मुंबई के हालात पर भी लोगो के तजुर्बे सुने. मजदूरी के बारे में पूछा. मुंबई में उत्तर भारतीयों के साथ होने वाले बर्ताव के बारे में जाना. राहुल ने लोगो से कहा कि वो उनकी समस्याओं को समझने के लिए ही इस तरह सफर कर रहे हैं.
आधी रात तक लोगों से बात करने के बाद सोने चले गए. सुबह जब लोकमान्य तिलक स्टेशन पर ट्रेन रुकी तो राहुल नहीं थे. वो रस्ते में ही कही उतर गए थे और उनके साथ सफर करने वाले यात्रियों के लिए ये सब एक ख्वाब जैसा था. राहुल ने जिन टिकटों पर सफ़र किया उनके पीएनआर नंबर 2640829587 और 2541158867 थे.
बताते हैं कि 18 अक्तूबर की रात करीब 8 बजे राहुल गोरखपुर हवाई अड्डे पर उतरे. वहां से अपने सिक्यूरिटी के 9 साथियों के साथ एक इनोवा और एक इंडिका कार में सवार होकर चले. एयर फोर्स स्टेशन के पास ये सभी इन कारों को छोड़ एक बलेरो कार में सवार होकर गोरखपुर जंक्शन पहुचे. वहां जब तक लोग उन्हें गौर से देखते और पहचानते वो एस-३ बोगी में सवार हो गए. राहुल जींस और शर्त पहने हुए थे. उनके साथी भी सिविल ड्रेस में थे.
1 टिप्पणी:
ये ड्रामे वाज चार्टर प्लेन का उपयोग किस हैसियत से करता है ..कोई इससे यह पूछे...? दूसरी बात इस चार्टर प्लेन का खर्चा इस देश के इमानदार लोगों के खून चूसकर,नकली सामान,कालाबाजारी का लाइसेंस,भ्रष्टाचार के जरिये सरकारी खजाने के बन्दर बाँट से पार्टी फंड में आये चंदे से पूरा होता है ...और बेशर्मी की हद यह की SPG की सुरक्षा के तहत रेल यात्रा और नाम देश और समाज को देखने का ...अरे राहुल बाबा जरा बिना SPG की सुरक्षा के यात्रा करके देखों कुत्ते की तरह नोच खायेंगे वो लोग जिन लोगों को तुम्हारे कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार और कुव्यवस्था की वजह से अपने इंसान होने पर भी अब शर्म महसूस हो रहा है ..हराम के पैसों से तो कोई भी राहुल गाँधी की तरह सांसद बन सकता है और चार्टर प्लेन का उपयोग कर सकता है जरा ईमानदारी से एक साल अपने पार्टी को चलाकर देखो तब पता चलेगा असल समाज और देश सेवा क्या होता है और अगर ऐसा कर लिये तो SPG की सुरक्षा की जरूरत ही नहीं परेगी ...?
एक टिप्पणी भेजें