दारुल उलूम ने कतर निवासी एक युवक के सवाल पर जवाब संख्या 26075 में यह बात कही है। युवक का सवाल था कि एक बार उसने अपनी बीवी के साथ इंटरनेट पर चैटिंग के दौरान मजाक में तीन बार तलाक टाइप करके भेज दिया था, तो क्या इसे तलाक माना जाएगा।
युवक ने सवाल में यह भी कहा था कि उसे इस्लाम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और न ही वह तलाक के तरीकों से अच्छी तरह वाकिफ है। उसका कहना था कि वह अपनी बीवी के साथ खुशी-खुशी रह रहा है और वह भविष्य में भी उसके साथ ही रहना चाहता है।
दारुल उलूम ने इस सवाल पर अपने फतवे में कहा जब आप तीन बार तलाक लिखते हैं तो उसे तलाक ही माना जाएगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इस्लाम के बारे में ज्यादा जानते हैं या नहीं लेकिन अब आपकी बीवी आपके लिये हराम हो गई है।
फतवे में कहा गया है कि तलाक के बाद हलाला किये बगैर परित्यक्त पत्नी से दोबारा निकाह नहीं हो सकता। हलाला के तहत तलाकशुदा औरत को इद्दत के तीन महीने पूरे होने के बाद पति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से निकाह करना होता है और उससे तलाक पाने के बाद चाहे तो वह पूर्व पति से दोबारा शादी कर सकती है।
1 टिप्पणी:
तीन बार सोचने पर किस दिन लागू होगा...
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