मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला ज़िले में एक चैरिटेबल अस्पताल में आंख के ऑपरेशन के बाद एक साथ 29 लोगों की आंखें ख़राब होने का मामला सामने आया है। योगीराज हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर अस्पताल के मोतियाबिंद नेत्र शिविरों में ऑपरेशन के बाद आंख गंवा देने के मामले में प्रशासन ने अस्पताल पर सीधी कार्रवाई की है। कलेक्टर केके खरे ने योगीराज अस्पताल के ट्रस्टी दीपक छाबड़ा और महाप्रबंधक संजय सिंह को निर्देशित किया कि वे पीडितों को 30-30 हजार रूपए की नकद सहायता राशि प्रदान करें। साथ ही 500 रूपए प्रतिमाह आजीवन पेंशन भी दें।
कलेक्टर ने कहा कि लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में प्रथमदृष्टया योगीराज अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। हालांकि समूचे मामले की जांच जारी है। जांच में जो भी दोषी साबित होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने योगीराज अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशनों तथा नेत्र शिविरों पर रोक लगा दी। अगस्त माह से योगीराज अस्पताल में लगातार मोतियाबिंद के ऑपरेशन शिविरों में करीब 150 लोगों की आंखों के ऑपरेशन किए जा चुके हैं। ऑपरेशन के बाद एक-एक कर अब तक 28 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इसके बावजूद बेफिक्र योगीराज अस्पताल प्रबंधन लोगों की आंखों का ऑपरेशन करना जारी रखे हुए था। योगीराज अस्पताल के नेत्र शिविरों को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। अस्पताल प्रबंधन ने जिम्मेदार अथॉरिटी से नेत्र चिकित्सा शिविरों की अनुमति नहीं ली थी। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि योगीराज अस्पताल प्रबंधन ने हेल्थ कैम्प कंडक्ट करने के लिए जिला चिकित्सा व स्वास्थ्य प्रबंधन से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली। इसी तरह मोतियाबिंद ऑपरेशन के परिप्रेक्ष्य में भी अधिकारियों का किसी प्रकार का मार्गदर्शन नहीं प्राप्त किया था।
मंडला में हुई इस घटना को लेकर सरकार के भी कान खड़े हो गए हैं। घटना घटित होने के महीने भर बाद स्वास्थ्य विभाग को पूरी रिपोर्ट मिली है। इसके बाद स्वास्थ्य राज्यमंत्री महेन्द्र हार्डिया ने पूरे मामले की जांच कराने का फैसला लिया है। हार्डिया के निर्देश के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज से चिकित्सकों की एक टीम मंडला जाकर जांच करेगी। मंत्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आंखों के ऑपरेशन में लापरवाही तो हुई है। योगीराज अस्पताल प्रबंधन ने हेल्थ कैम्प के लिए किसी प्रकार की अनुमति चिकित्सा विभाग के प्रबंधन से नहीं ली थी।
जांच प्रारम्भ होने की तिथि तक कुल 113 ऑपरेशन हो चुके थे। 30 लोगों की आंखें खराब होने का पता चला है, लेकिन जांच दल के तमाम मरीजों से मिलने के बाद ही तय होगा कि ये आंकड़ा अंतिम है या नहीं।
डॉ. आरके श्रीवास्तव सीएमएचओ मंडला
गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010
ऑपरेशन के बाद आँख की रोशनी जाती रही !
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