नागरिक उड्डयन एवं पर्यावरण मंत्रालय के बीच साल भर तक चली रस्साकशी के बाद नवी मुंबई हवाई अड्डे को सोमवार को अंतत: हरी झंडी मिल ही गई लेकिन इसे संशोधनों के साथ मंजूरी दी गई है। संशोधन में विस्थापित लोगों का पुनर्वास और स्थल के आसपास मैंग्रोव के विकास की बात शामिल है।
पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि सोमवार को नवी मुंबई परियोजना को औपचारिक रूप से पर्यावरण मंजूरी दे दी गई। हवाई अड्डा बनाने का प्रावधान आज से शुरू होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की गई जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल भी उपस्थित थे। 8722 करोड़ रुपये की परियोजना को लेकर पटेल और रमेश के बीच मतभेद थे।
मंजूरी इन शर्तों पर दी गई कि परियोजना स्थल के आसपास 678 हेक्टेयर में मैंग्रोव लगाए जाएंगे और गढ़ी नदी का रास्ता नहीं बदला जाएगा। इसके अलावा 30 अन्य संशोधन किए जाएंगे जिन्हें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए लागू करना है। रनवे तक पहुंच के लिए 90 मीटर ऊंची छोटी पहाड़ी को भी हटाना होगा और ज्वार के प्रभाव वाले जलाशय उल्वे का मार्ग बदलना होगा।
रमेश ने कहा कि कई सुरक्षा उपाय करने होंगे ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यावरणीय प्रभाव को कम से कम किया जा सके। पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद चव्हाण और पटेल ने कहा कि हवाई अड्डे के विकास के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जाएगी और आठ से 12 महीने के अंदर ठेके दे दिए जाएंगे।

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