नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के रिश्ते निर्णायक. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 नवंबर 2010

नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के रिश्ते निर्णायक.


पाकिस्तान और जेहाद से लेकर महत्मा गांधी से जु़डे सवालों के बीच भारत को एक वैश्विक ताकत करार देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को कहा कि नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के रिश्ते 21वीं सदी के लिए निर्णायक हैं। अपने 24 घंटे के मुम्बई प्रवास में सेंट जेवियर्स कॉलेज में सैक़डों विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की भूमिका अंतर्राष्ट्रीय स्तर अब बहुत महत्वपूर्ण हो चुकी है और अमेरिका इसे अच्छी तरह समझता है।


उन्होंने एक सवाल पर कहा कि स्थिर और समृद्ध पाकिस्तान सबसे ज्यादा भारत के हित में है। ओबामा ने कहा, "लोग कहते हैं कि भारत एक ताकत के रूप में उभर रहा है। परंतु मेरा मानना है कि भारत पहले ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर एक शक्ति के रूप में उभर चुका है। भारत का उभरना अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।" भारत-अमेरिका संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ""अमेरिका और भारत के रिश्ते 21वीं सदी को नई दिशा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
दोनों के बीच व्यापार, निवेश, आतंकवाद के खिलाफ ल़डाई, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और कई क्षेत्रो में साझेदारी बढ़ी है। दोनों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ने से भारतीयों और अमेरिकियों दोनों को लाभ होगा। मेरा मानना है कि भारत और अमेरिका के हित और विकास एक-दूसरे से जु़डे हुए हैं।" ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान में शांति और स्थिरता भारत के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि प़डोसी देशों में समृद्धि भारत के हित में है। एक छात्रा के सवाल के जवाब में ओबामा ने कहा, "पाकिस्तान में बहुत क्षमता है। परंतु वहां के कई इलाकों में आतंकवाद पसरा हुआ है। हम इसे एक तरह का कैंसर मानते हैं। यह पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके साथ ही हम यह मानते हैं कि पाकिस्तानी सरकार इस बात को अच्छी तरह समझती है। उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाए हैं।


अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तानी सेना ने कार्रवाई की है। परंतु उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए की पाकिस्तानी सरकार पहले से अधिक ठोस कदम उठाएगी। ओबामा ने कहा, "पाकिस्तान सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा मानना है कि पाकिस्तान में स्थिरता और शांति सबसे ज्यादा भारत के लिए जरूरी है। इस क्षेत्र में शांति भारत के हित से जु़डी है।" अमेरिकी राष्ट्रपति अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा कि इस देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी अगले वर्ष जुलाई से आरंभ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तानी सुरक्षा बल को सही ढंग से विकसित होने के लिए अभी कुछ और वक्त लगेगा। ओबामा ने कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि जुलाई, 2011 से हम सैनिकों को अफगानिस्तान से हटाना शुरू कर देंगे। परंतु हम सभी सैनिक अभी नहीं हटाएंगे। हमने वहां बहुत कुछ ठीक किया है। हम फिर से उसी हालत में नहीं जाना चाहते जो कुछ साल पहले थी।" इस्लाम और जेहाद से जु़डे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस्लाम एक महान धर्म है, लेकिन उन लोगों को अलग-थलग करने की आवश्यकता है, जिन्होंने इसे विकृत बना दिया है। उन्होंने कहा, "हम इस महान धर्म को पहचानते हैं... यह महान धर्म कुछ कट्टरपंथियों के हाथों जाकर विकृत हो गया है...हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, उनमें एक यह है कि हम उन लोगों को कैसे अलग-थलग करें, जिन्होंने इस्लाम के दर्शन को दूषित कर दिया है। भारत में और दुनिया भर में यह एक ब़डी चुनौती है।"" ओबामा ने कहा, " जिहाद के ढेर सारे अर्थ हैं... लेकिन यह ढेर सारी व्याख्याओं का विषय है। दुनिया में एक अरब से अधिक लोग इस्लाम को मानते हैं। यह एक महान धर्म है और यह शांति, न्याय, ईमानदारी और सहिष्णुता का संदेश देता है।"" ओबामा और मिशेल शनिवार को मुम्बई पहुंचे थे। रविवार को तय कार्यक्रम के अनुसार ओबामा दंपत्ति मुम्बई के होलीनेम स्कूल पहुंचा जहां बच्चाों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किया। कोली नृत्य कर रहे नन्हे-मुन्नों को देख पहले मिशेल भी थिरकीं। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भी झूमने से खुद को नहीं रोक सके। मिशेल बच्चाों के साथ बेहद खुश नजर आ रही थीं। वह शनिवार को भी "रंग दे बसंती" की धून पर जमकर थिरकी थीं। मुम्बई में कई कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद ओबामा और मिशेल दिन में 3.30 बजे दिल्ली पहुंच गए। हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं उनकी पत्नी गुरशरण कौर के अलावा केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, विदेश सचिव निरूपमा राव, अमेरिकी राजदूत टिमोथी जे. रोमर और दूसरे गणमान्य लोग मौजूद थे। अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन से उतरते ही ओबामा प्रधानमंत्री से गले मिले। फिर दोनों नेता ब़डी गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद ओबामा और मिशेल सीधे होटल आईटीसी मौर्या के लिए रवाना हो गए। अमेरिकी राष्ट्रपति का दिल्ली में बहुत व्यस्त कार्यक्रम है। दिल्ली पहुंचने के कुछ देर बाद ही वह ऎतिहासिक हुमायूं का मकबरा देखने जाएंगे। शाम में वह अमेरिकी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे। इसके बाद वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर एक निजी रात्रिभोज में शामिल होंगे। इसके अगले दिन वह राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद ओबामा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे और फिर दोनों एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। अपने सम्मान में आयोजित भोज से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय संसद को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद वह इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के लिए रवाना होंगे।

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