आन्ध्र कांग्रेस में विभाजन, जगन हुए अलग. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 29 नवंबर 2010

आन्ध्र कांग्रेस में विभाजन, जगन हुए अलग.

कांग्रेस को बिहार के बाद अब आंध्र प्रदेश में ब़डा झटका लगा है। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे क़डप्पा के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी के बेटे वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने पार्टी एवं लोकसभा सदस्यता से त्याग-पत्र देने के साथ ही नई पार्टी बनाने की घोषणा की है।

उन्होंने नई पार्टी का नाम वाईएसआर कांग्रेस रखने का ऎलान किया है। क़डप्पा सांसद जगनमोहन ने सोमवार को अपने कांग्रेस एवं लोकसभा से इस्तीफे के साथ नई पार्टी वाईएसआर कांग्रेस बनाने की घोषणा की।

जगन समर्थकों का दावा है कि उनके साथ बीस विधायक हैं। हालांकि इससे आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर तत्काल कोई संकट नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस का मानना है कि करीब बीस विधायक जगन मोहन के साथ जाएंगे, तो दूसरी ओर प्रजा राज्यम पार्टी के 18 विधायक सरकार का समर्थन करेंगे। यह तेलुगु अभिनेता चिरंजीवी की पार्टी है। गौरतलब है कि अभी आंध्र प्रदेश विधानसभा में 294 विधायकों में से 158 कांग्रेस के हैं। टीडीपी के 105, प्रजा राज्यम के 18 और अन्य 13 विधायक हैं। ऎसे में अगर बीस विधायक जगन मोहन के साथ जाते हैं तो प्रजा राज्यम पार्टी के 18 विधायक सरकार का समर्थन करेंगे। इस तरह कांग्रेस के पास 247 विधायकों को समर्थन होगा जबकि सरकार को आवश्यक बहुमत के लिए 246 विधायक चाहिए। इस तरह तत्काल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है। यद्यपि जगन समर्थकों का दावा है कि उन्हें प्रजा राज्यम पार्टी के भी पांच विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन उस पार्टी से अभी ऎसे कोई संकेत नहीं मिले हैं।

गौरतलब है कि इसके पहले जगन मोहन रेड्डी को अ़डे हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री और राज्य से पार्टी के वरिष्ठ नेता एस. जयपाल रेड्डी ने कहा था कि वह पार्टी अनुशासन तो़ड रहे हैं और उनकी गतिविधियां पार्टी विरोधी हैं। पार्टी इसे गंभीरता से लेगी। इससे संकेत मिलने लगे थे कि जगनमोहन को कभी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाजा जा सकता है। जयपाल रेड्डी के इस बयान के बाद जगनमोहन और उनके समर्थकों ने बैठक की थी जिसमें उन्होंने अपनी भावी रणनीति पर विचार किया था। शायद सोमवार का घटनाक्रम उस बैठक का ही नतीजा है।

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