संसद ने भोपाल गैस त्रासदी के रूप में विश्व की भीषणतम औद्योगिक आपदाओं में से एक की 26वीं बरसी पर इस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि 26 वर्ष पहले आज ही के दिन यूनियन कार्बाइड में मिथाइल आइसो-सायनाइड नामक जहरीली गैस के रिसाव से बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे और काफी संख्या में लोग विकलांग हो गए। हम इस घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं और ऐसे उपाय करने का संकल्प लेते हैं कि भविष्य में ऐसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो।
राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि 1984 को भोपाल में हुई गैस त्रासदी में बड़ी संख्या में लोग मारे गए और इसकी विभीषिका आज भी कई विकलांग लोगों के रूप में हमारे सामने है।
अंसारी ने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि इस हादसे में विकलांग हुए लोगों की हरसंभव मदद करें। दोनों सदन में सदस्यों ने कुछ पल मौन रहकर भोपाल गैस हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010
भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर श्रधांजलि.
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