पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि 26/11 हमले के बारे में अमेरिकी अदालत में दायर मुकदमे को मजबूती से लड़ेगी और अपनी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मौजूदा और पूर्व प्रमुखों का बचाव करेगी। यह मुकदमा 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में मारे गए रब्बी गैब्रियल होल्त्जबर्ग और उनकी पत्नी के रिश्तेदारों ने ब्रूकलिन कोर्ट में दायर किया है। इस मामले में अदालत ने आईएसआई चीफ अहमद शुजा पाशा और उनसे पहले आईएसआई के प्रमुख रहे नदीम ताज के अलावा हाफिज मोहम्मद सईद समेत लश्कर-ए-तैबा के कई लीडरों को समन भेजकर पेश होने को कहा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा कि सरकार ने इस केस को मजबूती से लड़ने का सख्ती से फैसला किया है। सरकार और वॉशिंगटन में पाकिस्तानी एंबेसी आईएसआई और उसके महानिदेशकों का इस केस में पूरी तरह और सही तरीके से बचाव करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के संसद की नैशनल असेंबली में दिए गए बयान का जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि हमारी सरकार इस बात में यकीन नहीं करती कि आईएसआई जैसी सरकार की किसी एजेंसी या उसके मौजूदा और पूर्व अधिकारियों पर अमेरिकी अदालतों में दीवानी मुकदमा चलाया जा सकता है। गिलानी ने पहले ही अपना इरादा साफ कर दिया था कि इस मुकदमे को खारिज करवाने के लिए हम उचित कदम उठाएंगे।
शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010
पाक सरकार आईएसआई का बचाव करेगी.
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