नीरा राडिया के 140 टेपों के लीक होने के बाद सांसत में प़डी केंद्र सरकार अभी उबर भी नहीं पाई है कि आउटलुक पत्रिका ने दावा किया है कि उसे नीरा राडिया की बातचीत के 800 और टेप मिले हैं। यह दावा उसने अपनी वेबसाइट पर किया है। अब तक सामने आए 140 टेपों के बारे में सरकार यह कहकर अपनी खाल बचा रही है कि इन्हें अब वह वापस नहीं कर सकती, क्योंकि इनकी पूरी सामग्री कई जगह प्रकाशित हो चुकी है और इंटरनेट पर घूम रही है।
पत्रिका का कहना है कि इन नए टेप से नीरा राडिया के कामकाज के तरीकों पर नई जानकारी मिलती है। 800 नए टेपों के बारे में ऎसे समय दावा किया गया है जबकि सरकार ने नीरा राडिया की बातचीत के सारे टेप एक सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा करवा दिए हैं। नीरा राडिया देश के दो ब़डे उद्योगपतियों रतन टाटा और मुकेश अंबानी की कंपनियों के लिए जनसंपर्क का काम करती रही है, लेकिन टेप आने के बाद कहा जा रहा है कि वे दरअसल इन कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट दलाल का काम करती है। अब तक जो 140 टेप सार्वजनिक हुए हैं, उससे पता चलता है कि वे अपनी ग्राहक कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए पत्रकारों से लेकर राजनेताओँ का किस तरह इस्तेमाल करती रही है।
नीरा राडिया की इस बातचीत के सार्वजनिक होने के बाद से राजनीतिक गलियारों, उद्योग-व्यवसाय जगत और पत्रकारों के बीच विवाद छि़ड गया है। आउटलुक पत्रिका ने कहा है कि ये टेप भी अधिकृत रूप से रिकार्ड की गई बातचीत का हिस्सा हैं और उन 140 टेपों के अतिरिक्त हैं, जो पहले ही सार्वजनिक हो चुके हैं। पत्रिका के संपादक कृष्ण प्रसाद का कहना है कि इनमें से चार टेपों का विवरण वेबसाइट पर प्रकाशित किया जा चुका है और शेष के विवरण भी प्रकाशित किए जाएंगे, मगर इसके लिए उन्होंने कोई समय सीमा या तारीख तय नहीं की।
आउटलुक ने लिखा है कि अभी उसके रिपोर्टर इन टेपों के दर्ज बातचीत के विवरण जुटाने में लगे हुए हैं। पत्रिका का कहना है कि ये स्पष्ट रूप से वर्ष 2009 में मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल के गठन और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सरकार, ब़डे व्यवसायिक घरानों और मीडिया के बीच के खेल की एक डरावनी तस्वीर पेश करते हैं। इस बातचीत के केंद्र में ए. राजा को यूपीए-2 में दूरसंचार मंत्री बनाए रखना ही है। आउटलुक ने नए टेपों के जो संक्षिप्त विवरण पेश किए हैं, उसके अनुसार नीरा राडिया की बातचीत से जाहिर होता है कि ए. राजा को दूरसंचार मंत्री बनाने के लिए किस तरह की बातचीत चल रही थी और इसे लेकर करूणानिधि के परिवार में किस तरह की खींचतान चल रही थी। इससे पहले सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके कह दिया कि वह इससे पहले सार्वजनिक हो चुके नीरा राडिया की बातचीत वाले टेप को वापस नहीं ले सकती। पुलिस ने यह बात उस नोटिस के जवाब में कही है जो सुप्रीम कोर्ट ने रतन टाटा को ओर से दायर एक याचिका पर जारी की थी। रतन टाटा ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह सरकार को इन टेपों के विवरण का प्रकाशन रूकवाए। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक सरकार ने अपना यह दावा बरकरार रखा है कि उसने जो बातचीत रिकॉर्ड की है, वह आयकर विभाग ने लीक नहीं की है। हालांकि सरकार ने कहा है कि नीरा राडिया और दूसरे लोगों की बातचीत के टेप लीक होने की जांच की जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें