जिनका ह्रदय पवित्र है, वे भाग्यशाली हैं, क्योंकि उन्हें भगवत्प्राप्ति होगी। ईश्वर आपके ह्रदय में विराजमान है लेकिन दुर्भाव का पर्दा ईश्वर को आपकी द्रष्टि से दूर कर देता है| आप इस पर्दे को दूर करने का प्रयास करे| अपने ह्रदय से इस दुर्भाव को दूर कर दें| और तब तुम अभी और यहीं ईश्वर को पूरे प्रकाश और प्रभाव के साथ अनुभव कर पाओगे| वे भाग्यशाली हैं जिन्हें ईश्वरीय द्रष्टि प्राप्त है, वे ईश्वर-किरपा को सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित कर देंगे|
(स्वामी शिवानन्द )
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