आदर्श घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भी. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 31 जनवरी 2011

आदर्श घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भी.

आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोपी बनाए गए 13 लोगों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम शामिल होने से महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले सत्ताधारी गठबंधन के लिए शर्मिदगी के हालात बन गए हैं।  

सूत्रों के मुताबिक चव्हाण के अलावा मुम्बई की एक अदालत में दर्ज की गई प्राथमिकी में राजनेता कन्हैयालाल गिडवानी, मुम्बई के पूर्व जिलाधिकारी प्रदीप व्यास, एक पूर्व मेजर जनरल एम. एम. वांगचू और आर. सी. ठाकुर शामिल हैं। सीबीआई के पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक ऋषि राज से संपर्क किए जाने पर उन्होंने प्राथमिकी में चव्हाण का नाम शामिल होने के विषय में आधिकारिक टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस मामले में नाम सामने आने के बाद चव्हाण ने गत नौ नवम्बर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है और कई बार उन्होंने कहा है कि वह राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हुए हैं।आदर्श सोसायटी घोटाला मामले में महीनों की जांच के बाद अंतत: सीबीआई ने शनिवार को 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

यह कार्रवाई बम्बई उच्च न्यायालय के उस निर्देश के बाद की गई है जिसमें न्यायालय ने सीबीआई से यह बताने को कहा था कि इस मामले में बिना प्राथमिकी दर्ज किए उसने क्या कार्रवाई की है।18 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने निर्देश दिया था कि जांच एजेंसी दो सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करे।इस मामले में चव्हाण के अलावा प्रदेश मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुभाष लाला को भी इस्तीफा देना पड़ा था।इसके बाद प्रदेश के सूचना आयोग रामानंद तिवारी को भी 20 जनवरी को निलम्बित कर दिया गया था।


कोई टिप्पणी नहीं: