शुंगलू समिति ने खेलों के लिए ठेके दिए जाने में देरी के लिए राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति और अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। प्रधानमंत्री कार्यालय को हाल ही में सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि समिति को इस बात के संकेत मिले हैं कि कपटपूर्ण और पक्षपातपूर्ण तरीके से बोली लगाई गई और निविदा जारी करने के मामले में दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। सूत्रों ने बताया कि शुंगलू समिति ने कई अनुबंध दिए जाने में देरी को लेकर सवाल उठाए हैं।
तीन अक्टूबर से चौदह अक्टूबर के बीच हुए राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में कथित भ्रष्टाचार और प्रबंधकीय कमियों की जांच के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखानिरीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में 25 अक्टूबर को उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। शुंगलू समिति ने 31 जनवरी को प्रसारण अधिकार देने में हुई कथित अनियमितताओं पर अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी थी और प्रसार भारती के निलंबित मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीएस लाली, और पूर्व महानिदेशक (दूरदर्शन) अरुणा शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। समिति की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट खेल गांव और शहर की ढांचागत सुविधाओं के निर्माण पर आधारित थी, जिसमें कथित तौर पर अनियमितताओं के लिए दिल्ली के उप राज्यपाल तेजिंदर खन्ना और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम लिया गया था।
तीन अक्टूबर से चौदह अक्टूबर के बीच हुए राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में कथित भ्रष्टाचार और प्रबंधकीय कमियों की जांच के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व नियंत्रक एवं महालेखानिरीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता में 25 अक्टूबर को उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। शुंगलू समिति ने 31 जनवरी को प्रसारण अधिकार देने में हुई कथित अनियमितताओं पर अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी थी और प्रसार भारती के निलंबित मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीएस लाली, और पूर्व महानिदेशक (दूरदर्शन) अरुणा शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। समिति की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट खेल गांव और शहर की ढांचागत सुविधाओं के निर्माण पर आधारित थी, जिसमें कथित तौर पर अनियमितताओं के लिए दिल्ली के उप राज्यपाल तेजिंदर खन्ना और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम लिया गया था।
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