महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक दावे. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 29 मार्च 2011

महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक दावे.


अमेरिकी लेखक द्वारा महात्मा गांधी की जीवन पर लिखी गई किताब में उन्हें समलैंगिक और रंगभेदी बताने पर भारत में बवाल मचने के बाद किताब के लेखक ने सफाई दी है। पुलित्जर पुरस्कार विजेता जोसफ लेलीवेल्ड ने भारतीय मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि मैंने किताब में कहीं भी गांधी को समलैंगिक या रंगभेदी नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि रेसिस्ट शब्द का इस्तेमाल किताब की शुरुआत में उनके दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान किया गया है। लेकिन इससे आप यह नतीजा नहीं निकाल सकते हैं कि वह रंगभेदी थे।

ब्रिटिश मीडिया ने 'ग्रेट सोल: महात्मा गांधी एंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया' रिव्‍यू छापा है। इसमें बेहद गैरजिम्मेदाराना ढंग से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में आपत्तिजनक दावे करते हुए गांधी जी को बदनाम करने की कोशिश की गई है। इसके मुताबिक महात्मा गांधी समलैंगिक थे और उन्होंने एक जर्मन यहूदी मित्र के लिए अपनी पत्नी तक को छोड़ दिया था। इस विवादित किताब में यह भी कहा गया है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी और महान नेता महात्मा गांधी हर्मन कॉलेनबाश नाम के इस शख्स को प्यार करते थे। किताब में यह भी लिखा गया है कि एक बार महात्मा गांधी ने उनसे कहा कि तुमने मेरे शरीर पर पूरा नियंत्रण कर लिया है। यह प्रतिशोध के साथ गुलामी है। 

किताब में यह भी लिखा गया है कि कॉलेनबाश जर्मनी में पैदा हुआ था जो बाद में दक्षिण अफ्रीका चला गया था। गांधी जी भी उन दिनों अफ्रीका में काम कर रहे थे जहां कॉलेनबाश ने उनकी गहरी दोस्ती हो गई। दोनों एक ही घर में दो साल तक साथ रहे। यह घर कॉलेनबाश ने ही बनाया था।जोसेफ लेवेल्ड ने 'ग्रेट सोल: महात्मा गांधी एंड हिज स्ट्रगल विद इंडिया' (महान आत्माः महात्मा गांधी और भारत के साथ उनका संघर्ष)में महात्मा गांधी और हर्मन कॉलेनबाश के रिश्तों को जिस रूप में पेश किया है, वैसे पहले कभी, किसी ने नहीं किया।

किताब में यह तक कहा गया है कि 13 साल की उम्र में 14 साल की कस्तूरबा से शादी करने वाले मोहनदास करमचंद गांधी चार बच्चों के जन्म के बाद 1908 में उनसे अलग हो गए और कॉलेनबाश के साथ रहने लगे। किताब में एक खत का भी हवाला दिया गया है जिसे कथित तौर पर महात्मा गांधी ने कॉलेनबाश को लिखा। इस खत में कहा गया है कि तुम्हारी तस्वीर मेरे बेडरूम में लगी है। यह तस्वीर मेरे बिस्‍तर की विपरीत दिशा में है। रिव्‍यू में महात्मा गांधी को बारे में जिन शब्दों और जिन बातों का उल्लेख किया गया है उसे शिष्ट बातचीत में बोलना या लिखना मुश्किल है।

पश्चिमी और अमरीकी मीडिया ने इस किताब के उन अंशों को प्रकाशित किया है जिनमें उनके बारे में बेहद अश्लील और भद्दी टिप्पणियां की गई हैं। हालांकि लेखक ने महात्मा गांधी के बारे में की गई टिप्पणियों का कोई ठोस आधार नहीं दिया है। सभी बातों का आधार महात्मा गांधी और हर्मन की दोस्ती को बताया गया है। किताब में कहा गया है कि गांधी जी और हर्मन के बीच दोस्ताना संबंध 1908 से लेकर 19010 तक रहे।


1 टिप्पणी:

Khare A ने कहा…

My Der friend, in angrejon to jo likhna tha likh diya, aap aisi gandi aur aochhi baton ka jikr yaha apne blog par kyun akr rahe hain, just ignore these dirty talk abt our grr8 soul,


"Kuch to log kahenge , logo ka kam he kehna"