लोक लेखा समिति ने स्पेक्ट्रम घोटाले पर दी गई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तो क्लीनचिट दे दी है लेकिन पीएमओ के अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया है. नई दिल्ली में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में जांच कर रही मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति ने स्पेक्ट्रम घोटाले पर दी गई रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तो क्लीनचिट दे दी है लेकिन पीएमओ के अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया है. नई दिल्ली में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में जांच कर रही मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली पीएसी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को पूरी तरह से दोषी करार देने के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय पर करारा प्रहार किया गया है.पीएसी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दे दी है.
पीएसी की रिपोर्ट कांग्रेस खासकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए राहत भरी है. स्पेक्ट्रम आवंटन में मनमोहन सिंह को शामिल नहीं किया गया था. उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं थी. यही नहीं, प्रधानमंत्री ने सभी 2-जी लाइसेंस रद्द किए जाने की सिफारिश भी की थी. पीएसी ने कैग रिपोर्ट को भी सही माना है कि सरकार को घपले से 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था. टेलीकॉम घोटाले की अंतरिम रिपोर्ट बुधवार को सभी सदस्यों को सौंपी गई और कमेटी गुरुवार को रिपोर्ट पर बैठक करेगी.
2जी स्पेक्ट्रम मामले से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट में समझा जाता है कि प्रधानमंत्री के बारे में कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने को 2जी मामले से इतना अधिक दूर रखा कि ए राजा को अपने 'अनुचित और मनमाने' कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली. रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री तीन जनवरी 2008 को पीएमओ को इससे दूर रखना चाहते थे जिससे ऐसा लगा कि राजा को इस मामले में आगे बढ़ने और अपने गलत एवं मनमाने कार्यों को अंजाम देने की परोक्ष रूप से हरी झंडी मिल गई हो.
राजा की ओर से लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के विवादास्पद वितरण विषय को कैबिनेट के सामने 10 जनवरी 2008 को लाया गया.नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस विवादास्पद निर्णय से 1.76 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ.
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को पूरी तरह से दोषी करार देने के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय पर करारा प्रहार किया गया है.पीएसी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दे दी है.
पीएसी की रिपोर्ट कांग्रेस खासकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए राहत भरी है. स्पेक्ट्रम आवंटन में मनमोहन सिंह को शामिल नहीं किया गया था. उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं थी. यही नहीं, प्रधानमंत्री ने सभी 2-जी लाइसेंस रद्द किए जाने की सिफारिश भी की थी. पीएसी ने कैग रिपोर्ट को भी सही माना है कि सरकार को घपले से 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था. टेलीकॉम घोटाले की अंतरिम रिपोर्ट बुधवार को सभी सदस्यों को सौंपी गई और कमेटी गुरुवार को रिपोर्ट पर बैठक करेगी.
2जी स्पेक्ट्रम मामले से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट में समझा जाता है कि प्रधानमंत्री के बारे में कुछ अप्रिय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने को 2जी मामले से इतना अधिक दूर रखा कि ए राजा को अपने 'अनुचित और मनमाने' कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली. रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री तीन जनवरी 2008 को पीएमओ को इससे दूर रखना चाहते थे जिससे ऐसा लगा कि राजा को इस मामले में आगे बढ़ने और अपने गलत एवं मनमाने कार्यों को अंजाम देने की परोक्ष रूप से हरी झंडी मिल गई हो.
राजा की ओर से लाइसेंस और स्पेक्ट्रम के विवादास्पद वितरण विषय को कैबिनेट के सामने 10 जनवरी 2008 को लाया गया.नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस विवादास्पद निर्णय से 1.76 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें