आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साई बाबा के स्वास्थ्य से जुड़ी उलझाऊ रिपोर्ट और सत्य साई ट्रस्ट की 40 हजार करोड़ रुपये की मिल्कियत पर सरकार के कब्जे की संभावनाओं को लेकर उनके भक्तों में नाराजगी देखने को मिल रही है। साई बाबा का इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक उनकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है। भक्तों का कहना है कि बाबा के स्वास्थ्य के बारे में जारी किए जाने वाले बुलेटिन आम आदमी की भाषा में हों जिससे इन्हें समझने में आसानी हो। इस बीच, सरकारी प्रतिनिधिमंडल के पुट्टपर्ती दौरे से भी बाबा के भक्त चिंतित हैं।
85 साल के श्री सत्य साई बाबा को फेफड़े और सीने में तकलीफ की शिकायत के बाद 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के निदेशक एएन सफाया ने कहा कि अनियमित दिल की धड़कनों को सामान्य बनाने रखने के लिए पेसमेकर लगाया गया है और उनकी श्वसन प्रक्रिया में मदद के लिए वेंटीलेटर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि गुर्दे की स्थिति में सुधार के लिए डायलासिस और सीआरआरटी किया जा रहा है।
बाबा के स्वास्थ्य के बारे में जारी ताजा बुलेटिन में कहा गया है, ‘श्वसन प्रणाली में मदद के लिए उन्हें लगातार वेंटीलेटर पर रखा जा रहा है। रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य मानक संतोषजनक हैं। उनका इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार नजर रखे हुए है।’ आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेटरी (फाइनेंस) एल वी सुबमनय्या, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (हेल्थ) पी वी रमेश, डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन डॉ. रघु राजू, उस्मानिया अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मणा राव और जनरल फीजिशियन डॉ. भानूप्रकाश पुट्टपर्ती में डेरा डाले हुए हैं।
अटकलें लगे जा रही है कि टीम सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट को कब्जे में लेने की संभावनाओं का जायजा ले रही है क्योंकि साई बाबा का कोई वारिस नहीं है। 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाला यह ट्रस्ट अमेरिका सहित दुनियाभर में कई धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है। इस ट्रस्ट की मुंबई, चेन्नई, हैदरबाद, बंगलुरू और आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर संपत्ति हैं। ट्रस्ट आंध्र प्रदेश के अनंतपुर सहित कई स्थानों पर पेयजल योजनाएं चलाता है। इस ट्रस्ट की आमदनी का मुख्य जरिया देश-विदेश से भक्तों की ओर दिए जाने वाला दान है। राज्य सरकार की टीम इस ट्रस्ट के खाते खंगालने में भी जुटी है। सत्य साई बाबा के मुख्य आश्रम प्रशांति निलयम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार की टीम केंद्र सरकार से इस ट्रस्ट का जिम्मा संभालने की सिफारिश कर सकती है। सत्य साई बाबा ने भी एक बार ऐसी ही इच्छा जताई थी।
बाबा के भतीजे और ट्रस्टियों में से एक आर जे रत्नाकर राजू को इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौंपी जाने की अटकलें सामने आ रही हैं। लेकिन यह मसला सुलझना इतना सरल नहीं है और इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि बाबा के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी बाबा के परिवार से होगा या लोकतांत्रिक तरीके से चुना जाएगा। ऐसी भी खबर है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चक्रवर्ती को ट्रस्ट के कई सदस्यों का विश्वास हासिल है और वह ट्रस्ट की अगुवाई कर सकते हैं।
85 साल के श्री सत्य साई बाबा को फेफड़े और सीने में तकलीफ की शिकायत के बाद 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्री सत्य साई इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के निदेशक एएन सफाया ने कहा कि अनियमित दिल की धड़कनों को सामान्य बनाने रखने के लिए पेसमेकर लगाया गया है और उनकी श्वसन प्रक्रिया में मदद के लिए वेंटीलेटर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि गुर्दे की स्थिति में सुधार के लिए डायलासिस और सीआरआरटी किया जा रहा है।
बाबा के स्वास्थ्य के बारे में जारी ताजा बुलेटिन में कहा गया है, ‘श्वसन प्रणाली में मदद के लिए उन्हें लगातार वेंटीलेटर पर रखा जा रहा है। रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य मानक संतोषजनक हैं। उनका इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार नजर रखे हुए है।’ आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेटरी (फाइनेंस) एल वी सुबमनय्या, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (हेल्थ) पी वी रमेश, डायरेक्टर ऑफ मेडिकल एजुकेशन डॉ. रघु राजू, उस्मानिया अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. लक्ष्मणा राव और जनरल फीजिशियन डॉ. भानूप्रकाश पुट्टपर्ती में डेरा डाले हुए हैं।
अटकलें लगे जा रही है कि टीम सत्य साई सेंट्रल ट्रस्ट को कब्जे में लेने की संभावनाओं का जायजा ले रही है क्योंकि साई बाबा का कोई वारिस नहीं है। 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाला यह ट्रस्ट अमेरिका सहित दुनियाभर में कई धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है। इस ट्रस्ट की मुंबई, चेन्नई, हैदरबाद, बंगलुरू और आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर संपत्ति हैं। ट्रस्ट आंध्र प्रदेश के अनंतपुर सहित कई स्थानों पर पेयजल योजनाएं चलाता है। इस ट्रस्ट की आमदनी का मुख्य जरिया देश-विदेश से भक्तों की ओर दिए जाने वाला दान है। राज्य सरकार की टीम इस ट्रस्ट के खाते खंगालने में भी जुटी है। सत्य साई बाबा के मुख्य आश्रम प्रशांति निलयम से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार की टीम केंद्र सरकार से इस ट्रस्ट का जिम्मा संभालने की सिफारिश कर सकती है। सत्य साई बाबा ने भी एक बार ऐसी ही इच्छा जताई थी।
बाबा के भतीजे और ट्रस्टियों में से एक आर जे रत्नाकर राजू को इस ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौंपी जाने की अटकलें सामने आ रही हैं। लेकिन यह मसला सुलझना इतना सरल नहीं है और इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि बाबा के निधन के बाद उनका उत्तराधिकारी बाबा के परिवार से होगा या लोकतांत्रिक तरीके से चुना जाएगा। ऐसी भी खबर है कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चक्रवर्ती को ट्रस्ट के कई सदस्यों का विश्वास हासिल है और वह ट्रस्ट की अगुवाई कर सकते हैं।

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