2जी स्पेक्ट्रम मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि आवंटन घोटाले में कथित तौर पर शामिल पांच कम्पनियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली की पीठ से कहा गया कि निदेशालय ने प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है और इसे पूरा होने में दो महीने का समय लगेगा। यह जानकारी अदालत को मुहर बंद लिफाफे में जमा की गई निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्थिति रिपोर्ट में दी गई।
निदेशालय और सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि निदेशालय ने मनी लाउंडरिंग रोधी कानून और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट कानून (फेमा) के तहत कुर्की की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि कुर्की की प्रक्रिया के तहत कारण बताओ नोटिस जारी की जाएगी, सम्पत्ति की पहचान की जाएगी। उनमें से कुछ बेनामी सम्पत्ति हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में शामिल की गई प्रत्येक कम्पनी ने स्पेक्ट्रम और लाइसेंस आवंटन से 2,000 करोड़ रुपये कमाए। न्यायमूर्ति सिंघवी ने कहा, "आंकड़े बड़े होते जा रहे हैं।" इसके बाद न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा, "आज मुनाफा वैश्विक होता जा रहा है।" सीबीआई ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में अदालत की पिछली सुनवाई के बाद से जांच में हुई प्रगति से अदालत को अवगत कराया।
सीबीआई ने बताया कि केंद्र सरकार ने 23 अप्रैल को 2जी स्पेक्ट्रम मामले में यू. यू. ललित को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है। वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि जांच एजेंसी कुछ सुरागों के आधार पर जांच कर रही है और इसे पूरा होने में कुछ और समय लगेगा। जांच प्रक्रिया की ताजा स्थिति से अवगत होने के बाद अदालत ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह सीबीआई को कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और उनके सहयोगियों के रिकार्डेड टेप उपलब्ध कराए।
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