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शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

अमरनाथ को कोच बनाना चाहिए था.

भारत के दो पूर्व दिग्गज कप्तानों सुनील गावस्कर और कपिल देव ने डंकन फ्लेचर को भारतीय टीम का कोच बनाए जाने की आलोचना करते हुए कहा है कि किसी पूर्व भारतीय खिलाड़ी को इस पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए था। भारतीय क्रिकेट के दोनों ही दिग्गज ने अमरनाथ को कोच बनाने कि वकालत की.

गावस्कर ने एक समाचार चैनल से कहा, भारतीय टीम के कोच पद के लिए मोहिंदर अमरनाथ जैसे खिलाड़ी सही पसंद होते क्योंकि भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी हिन्दी भाषी क्षेत्र से हैं। भारतीय कोच युवा खिलाड़ियों और वरिष्ठ खिलाड़ियों को बखूबी समझ और समझा सकता था। अमरनाथ के लिए भारतीय खिलाड़ियों को समझना और उनके साथ हिलमिल कर रहना ज्यादा आसान होता।

लिटिल मास्टर ने कहा, इससे भी बड़ी बात यह है कि अमरनाथ का वापसी का रिकॉर्ड रहा है। वह जानते है कि लय खोने की हालत में टीमों को लय में लौटने के लिए क्या करना होता है। उन्होंने कहा, एक गलत धारणा लोगों के मन में बैठी हुई है कि हर भारतीय कोच प्रभावित हो सकता है और वह राजनीति में लगा रह सकता है। यह एक पूर्वाग्रह बना हुआ है कि कोच के रूप में कोई भारतीय मजबूती से पेश नहीं आ सकता है।

कपिल देव ने कहा कि अक्टूबर 2009 तक गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षम कोच की भूमिका में रहे वेंकटेश प्रसाद तथा रॉबिन सिंह सफल रहे थे और उन्हें दोबारा यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

कपिल ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ये फ्लेचर कौन हैं? मैं तो उन्हें खिलाड़ी के तौर पर बहुत ज्यादा नहीं जानता। हो सकता है कभी वह खिलाड़ी रहे होंगे। उन्होंने कहा, मैं तो चाहता हूं कि रॉबिन और वेंकटेश को वापस उनकी भूमिका में बुलाया जाए। ऐसा मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि वे भारतीय हैं। बल्कि इसलिए कि उन्होंने 2007 में ट्वेंटी-20 विश्व कप में शानदार काम किया था।

बीसीसीआई ने भारतीय टीम की कोचिंग का दायित्व न्यूजीलैंड के जॉन राइट को सौंपने के बाद से किसी भारतीय को इस पद पर नहीं रखा है। राइट की देख रेख में भारत ने विदेशी मैदानों पर कई जीत दर्ज की और 2003 के विश्व कप का फाइनल खेला। इसके बाद ग्रेग चैपल, फिर गैरी कर्स्टन और अब फ्लेचर को कोच बनाया गया है।

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