2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में स्थिति तब बेकाबू हो गई जब सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। पीएसी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी बैठक छोड़कर चले गए। जोशी के जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने सैफुद्दीन सोज को पीएसी का नया अध्यक्ष बना दिया।
2जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट पर पीएसी बैठक में सदस्य दो दलों में बंट गए। गुरुवार को बैठक शुरू होने के बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस व द्रमुक का साथ देने का फैसला किया। कांग्रेस व द्रमुक समेत सपा और बसपा के सदस्य पीएसी रिपोर्ट पर वोटिंग की मांग कर रहे थे। शाम चार बजे जैसे ही दोबारा बैठक शुरू हुई तो महज ढाई मिनट में ही पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी बैठक छोड़कर चले गए। कांग्रेस व द्रमुक रिपोर्ट पर वोटिंग के लिए जोर डाल रहे थे। कांग्रेस व द्रमुक के साथ सपा और बसपा के आने से रिपोर्ट के विपक्ष में कुल 11 सदस्य हो गए थे, जबकि पक्ष में सिर्फ 10 ही रह गए थे। 21 सदस्यीय समिति में दोनों पक्षों का संतुलित प्रतिनिधित्व है और सपा तथा बसपा के एक-एक सदस्य की भूमिका अहम होगी। पीएसी में कांग्रेस के सात सदस्य, भाजपा के चार, अन्नाद्रमुक तथा द्रमुक के दो-दो और शिवसेना, बीजद, जदयू, सपा, बसपा व माकपा के एक-एक सदस्य हैं।
भाजपा के सदस्यों ने कांग्रेस के सदस्यों पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने संसदीय मर्यादा का उल्लंघन करते हुए पूर्वनियोजित षडयंत्र के तहत इस बैठक में व्यवधान पैदा किया। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि पीएसी के जरिए भाजपा गंदी राजनीति कर रही है।
1 टिप्पणी:
चोर-चोर मौसेरे भाई
मुरली की इमानदारी नहीं सुहाई !!
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