रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल जल्द महंगे हो सकते हैं। जल्द ही रसोई गैस का एक सिलेंडर आपको 645 रुपये में और पेट्रोल पांच रुपये महंगा मिलेगा। सरकार ने गुरुवार को इसके संकेत दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से सरकार पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रो पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर सकती है। इससे आम आदमी की जेब ढीली होगी और उनकी परेशानियां बढ़ेंगी। तेल की कीमतों पर बनी मंत्री समूह कीमतों को बढ़ने की तैयारी कर रही है। सरकार ने गुरुवार को इसके संकेत दिए।
सरकार द्वारा रसोई गैस (एलपीजी) पर दी जा रही सब्सिडी के कारण तेल कंपनियों को प्रति सिलेंडर 316 रुपए का नुकसान हो रहा है। इसी बोझ को उतारने का सरकार मन बना रही है। इसके लिए नंदन निलकेणी ने एक फार्मूला भी सरकार को सुझा दिया है। इस फार्मूले के तहत जिन उपभोक्ताओं ने एक सिलेंडर ले रखा है, उनको प्रति वर्ष सब्सिडीयुक्त चार सिलेंडर की सप्लाई ही होगी। चार सिलेंडर के बाद उन्हें इसके लिए बाजार कीमत चुकानी होगी। गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों पर भार कम करने के लिए उनको नकद भुगतान करने की योजना पर भी काम चल रहा है। अगर ऐसा हुआ तो प्रति सिलेंडर कीमत बढ़कर 645 रुपए हो जाएगी। पहले से ही खाद्य वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों से परेशान आम लोगों की जेबों पर इसका भारी असर पड़ेगा।
सरकार पेट्रोल की कीमतों में भी 5 रुपए की बढ़ोतरी करने का मन बना रही है। वैश्विक तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यह 110 डॉलर प्रति बैरल है। इसके साथ-साथ डीजल की कीमत में भी वृद्धि की जा सकती है, हालांकि इस पर अंतिम फैसला मंत्रीसमूह को करना है। पेट्रोल की कीमत को तो पहले ही सरकार बाजार आधारित कर चुकी है, लेकिन डीजल की कीमत पूरी तरह से बाजार आधारित नहीं हुई है, धीरे-धीरे सरकार डीजल की कीमतों को भी बाजार आधारित करने का संकेत पहले ही दे चुकी है।
1 टिप्पणी:
BAAP RE BAAP.
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ब्लॉ ग समीक्षा की 12वीं कड़ी।
अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं का अपमान!
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