पीएसी रिपोर्ट पर फैसला जल्दबाजी में नहीं. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 5 मई 2011

पीएसी रिपोर्ट पर फैसला जल्दबाजी में नहीं.

पीएसी की 2जी स्पेक्ट्रम जांच संबंधी रिपोर्ट के दर्जे को लेकर कांग्रेस और विपक्ष के बीच चल रहे आरोपों प्रत्यारोपों के बीच लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार अभी कोई फैसला करने की जल्दबाजी में नहीं लगती हैं।

संसद के सूत्रों ने बताया कि मीरा कुमार यह निर्णय करने की जल्दी में नहीं हैं कि पीएसी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की ओर से उन्हें पेश किया गया ‘‘दस्तावेज़’’ संसदीय समिति की रिपोर्ट है या नहीं।

विवादास्पद रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम घोटाले में कथित मूक दर्शक बने रहने के लिए प्रधानमंत्री, उनके कार्यालय तथा तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तीखी आलोचना की गई है। यह पूछे जाने पर कि लोकसभा अध्यक्ष उस कथित रिपोर्ट के दर्जे के बारे में कब निर्णय करेंगी, जिसे 21 सदस्यीय पीएसी के बहुसंख्यक 11 सदस्य अस्वीकार कर चुके हैं, सूत्रों ने कहा, ‘‘अभी इस बारे में सोचा नहीं गया है।’’ उन्होंने बताया कि संसद का मानसून सत्र जुलाई में शुरू होगा लेकिन उसकी तिथियों को अभी तय नहीं किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि पीएसी से संबंधित जो सामग्री सौंपी गई है, उनका परीक्षण हो रहा है। जोशी द्वारा सौंपी रिपोर्ट को संसद में पेश किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों की ओर से स्पीकर कार्यालय को सौंपे गए कागज़ात का अध्ययन हो रहा है। पिछली पीएसी के कार्यकाल के अंतिम दिन 30 अप्रैल को जोशी ने उस विवादास्पद रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष के पास भिजवाया था, जिसे समिति के कांग्रेस, द्रमुक, सपा तथा बसपा के सदस्य ‘‘नामंजूर’’ कर चुके थे।

नई पीएसी के लिए भी अध्यक्ष चुन लिए गए जोशी ने कहा है, ‘‘मैंने रिपोर्ट पेश कर दी है, मुझे उम्मीद है कि स्पीकर को उसे स्वीकार करके संसद में पेश करना चाहिए।’’ सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने जोशी के आचरण की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है, ‘‘जोशी के इस विचित्र तर्क को अगर मान लिया जाए तो पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया ही चरमरा जाएगी। ऐसा होने से तो संसद में अल्पमत इस बात पर जोर देगा कि उसके विचार को ही संसद का फैसला माना जाए। कांग्रेस और द्रमुक सदस्यों ने जोशी द्वारा तैयार मसौदा रिपोर्ट की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा नेता ने सरकार को ‘‘अस्थिर’’ करने के गलत इरादे से यह रिपोर्ट तैयार की है।

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