मुंबई पर सन् 2008 में 26/11 को हुए हमले के आरोपी डेविड हेडली ने खुलासा किया है कि उसने फिल्मकार महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट को हमले से एक दिन पहले ही 26 नवंबर को दक्षिण मुंबई न जाने की सलाह दी थी। उसने यह भी बताया कि मुंबई हमलों के दूसरे आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा बॉलिवुड में हाथ अजमाना चाहता था और उसकी इच्छा राहुल को लेकर फिल्म बनाने की थी, पर लश्कर-ए-तैबा इसके खिलाफ था इसलिए वह ऐसा नहीं कर सका।
शिकागो की अदालत में राणा के वकील पैट्रिक डब्ल्यू ब्लेगन की पूछताछ के दौरान 26/11 हमलों में मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली ने ये बातें कुबूलीं। राहुल के सामने खुद को सेना के पूर्व रेंजर की तरह पेश करने वाले हेडली ने अदालत को बताया कि वह राहुल को पसंद करने लगा था। हेडली के मुताबिक, 'उसने राहुल से कहा था कि वह 26 नवंबर को दक्षिण मुंबई नहीं जाए।'
हेडली ने स्वीकार किया कि वह राहुल को पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में घुमाने ले जाना चाहता था और इसके लिए उसने बातचीत भी की थी। हालांकि, उसने वकील की इस बात पर असहमति जताई कि यह राहुल का अपहरण करने या उसे मारने की कोई योजना थी। उसने इस बात से सहमति जताई कि राहुल से दोस्ती करना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर के नियमों के विरुद्ध था। लश्कर ने प्रशिक्षण के दौरान ही उसे लोगों से भावनात्मक रूप से न जुड़ने की हिदायत दी थी।
मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं में शामिल हेडली ने शिकागो अदालत से कहा कि मुंबई हमले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा कथित तौर पर मारे गए लोगों की हत्या का बदला लेने के लिया किया गया था। हालांकि उसने कहा कि अब उसे 26/11 नरसंहार को लेकर कोई गर्व नहीं है। हमलों के बाद उसे रिटायर्ड सेना अधिकारी पाशा, उसकी पत्नी, लश्कर आतंकी साजिद मीर ने बधाई संदेश भी भेजे थे। हेडली से पूछताछ अब मंगलवार को होगी। तहव्वुर राणा का बचाव कर रहे वकीलों का कहना है कि राणा को मुंबई हमले की साजिश की जानकारी नहीं थी। वह भारत में केवल अपने आव्रजन व्यापार का विस्तार करना चाहता था। उनके मुताबिक 12 आरोपों में दोषी पाए गए हेडली ने अपने पुराने दोस्त राणा के व्यापार की आड़ में मुंबई और डेनमार्क में निशाना बनाए जा सकने वाले इलाकों का दौरा किया था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें