ऑनलाइन सर्वे के नाम पर डेढ़ सालों से कारोबार कर रही सिंगापुर की कंपनी स्पीक एशिया के सारे खाते यूओबी बैंक सिंगापुर ने बंद कर दिए हैं। भारत में भी कंपनी के लेन-देने पर रोक लगा दी गई है। इससे छत्तीसगढ़ के हजारों लोगों के करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए डूबने का खतरा पैदा हो गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एजीएम आर माहेश्वरी ने साफ कर दिया है कि भारत में स्पीक एशिया को कारोबार करने या गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी गई है। शुक्रवार सुबह कंपनी के खाते बंद किये जाने की खबर मिलते ही राजधानी के निवेशकों में खलबली मच गई। कटोरातालाब स्थित मुख्य कार्यालय समेत शहर में कंपनी के सारे दफ्तरों पर ताले लगे हुए हैं। कई लोगों ने राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिपांशु काबरा और आईजी मुकेश गुप्ता से कंपनी के खिलाफ लिखित शिकायत की।
स्पीक एशिया के खाते बंद होने से डॉलर की शक्ल में आने वाला भुगतान बंद हो गया है। निवेशकों ने बताया कि कंपनी की तरफ से आने वाले एसएमएस भी हफ्तेभर से नहीं आ रहे। शंकरनगर निवासी आर्किटेक्ट सतीश सिंह ने आरबीआई को पत्र लिखकर स्पीक एशिया के बारे में जानकारी मांगी थी। बैंक ने साफ कर दिया है कि यह कंपनी उनके यहां पंजीकृत नहीं है। सतीश ने आईजी और एसएसपी को लिखित शिकायत की है।
स्पीक एशिया लोगों से ऑनलाइन सर्वे के नाम पर 11 हजार रुपए जमा करवाती थी। इसकी एवज में निवेशक को हर महीने 4-4 हजार रुपए वापस करने का प्रलोभन देती थी। कंपनी में रायपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर समेत कई जिलों के 50 हजार से ज्यादा लोगों ने 150 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसमें राजधानी के लोगों के 70-80 करोड़ शामिल हैं।
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