भोपाल के निवासियों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निराशा है। सभी की नाराजगी सीबीआई के लिए है, जो ठोस सबूत पेश करने में असफल रही, जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने गैस कांड के मुख्य आरोपियों को कड़ी सजा देने संबंधी याचिका निरस्त कर दी।
भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित संघ के वकील जयप्रकाश ने कहा कि यह सीबीआई की असफलता है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने सबूत रखकर बेहतर तरीके से मामला पेश करना था, जो वे नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पूरे मामले में लापरवाही बरती है।
लंबे समय से भोपाल गैस पीड़ितों की लड़ाई लड़ रहे भोपाल गैस पीड़ित संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने माना कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भोपाल वासियों में निराशा है। उन्होंने कहा कि भोपाल के लोग परिजनों के हत्यारों को सजा पाते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन अफसोस यह आज तक नहीं हो पाया। जब्बार ने कहा कि यदि इस मामले की रोजाना सुनवाई होती तो आज स्थिति अलग होती। जिन लोगों ने अपनों को खोया या जो इसका गैस का दर्द भोग रहे हैं, उन्हें आज भी न्याय की तलाश है।
जहरीली गैस कांड संघर्ष मोर्चा के आलोक प्रताप सिंह ने इसके लिए केंद्र सरकार और सीबीआई को दोषी माना। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि कानून में बदलाव लाया जाए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट यदि सीबीआई की याचिका स्वीकार कर लेता तो शायद गैस पीड़ितों को राहत मिलती। भोपाल गैस पीड़ितों के लिए संघर्ष कर रही रचना ढींगरा ने अब भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए विशेष कोर्ट की मांग की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के याचिका खारिज करने से गैस पीड़ितों को गहरा झटका लगा है।
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