गुजरात और केंद्र सरकार को नोटिस. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 30 जुलाई 2011

गुजरात और केंद्र सरकार को नोटिस.


सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की याचिका पर शुक्रवार को गुजरात और केंद्र सरकार को नोटिस भेजे। भट्ट ने गुजरात में उनके खिलाफ दर्ज एक एफआईआर को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है। शीर्ष कोर्ट ने भट्ट की याचिका पर दोनों सरकारों से 8 अगस्त तक जवाब मांगा है। 

भट्ट की यह याचिका गुजरात पुलिस के एक कांस्टेबल द्वारा अहमदाबाद में दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है। कांस्टेबल का आरोप है कि भट्ट ने जबरदस्ती एक हलफनामे पर उसके हस्ताक्षर कराए थे। इसमें लिखा था कि भट्ट गोधरा कांड के बाद हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में मौजूद थे। भट्ट ने अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर दावा किया था कि गोधरा कांड के बाद 27 फरवरी 2002 को हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में वे मौजूद थे। इसमें मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि हिंदुओं का गुस्सा निकलने दो। भट्ट के मुताबिक मोदी मुसलमानों को सबक सिखाना चाहते थे। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि भट्ट के इस हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कांस्टेबल केडी पंत ने अहमदाबाद में शिकायत दर्ज कराई कि भट्ट ने उन्हें धमकाकर गलत हलफनामे पर हस्ताक्षर कराए। 

पंत की इस शिकायत के आधार पर घटलोडिया पुलिस ने भट्ट के खिलाफ जनसेवक को धमकी देने और फर्जी सबूत बनाने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर दी। भट्ट का कहना है कि पंत ने यह झूठी शिकायत इसलिए की क्योंकि उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। उसे धमकाया गया था कि गुजरात दंगों की पड़ताल कर रहे विशेष जांच दल के हाथों गिरफ्तार करवा दिया जाएगा।

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