मुंबई में हुए एक बाद एक तीन धमाकों के दो दिन बाद आखिर में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी टिप्पणी दे ही दी। हमेशा की तरह ओछी बयानबाजी करने वाले राज ठाकरे ने इस बार भी बम विस्फोट का ठिकरा मुंबई में आने वाले बाहरी राज्यों के लोगों पर फोड़ दिया। गुरुवार को उन्होंने कहा कि हादसों में खुफिया एजेंसिंयों को दोष देने का कोई फायदा नहीं हैं क्योंकि जब तक मुंबई में यूपी और बिहार के लोगों के आने का सिलसिला बंद नहीं होगा तबतक ऐसे ही सिलसिलेवार बम ब्लास्ट होते रहेंगे। यहां तक की राज ठाकरे ने यह भी कहा कि मुंबई में बिना किसी रोक टोक के बांग्लादेशी घुमते रहते हैं उन्हें भी रोकना होगा।
राज ठाकरे ने कहा कि बाहरी लोग सभी तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं चाहे वह बलात्कार हो या फिर हत्या। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। ठाकरे ने कहा है कि इस बात की निगरानी नहीं की जाती कि रोज कितने लोग मुंबई आते हैं। वो कौन है, कहां से आये हैं और कहां जाते है तथा उनका मुंबई आने का मकसद क्या है। महाराष्ट्र में आने वाले हर बाहरी आदमी की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आज यह कोई नहीं जानता कि सब्जियां लेकर घूमने वाले लोग अपनी टोकरी में सब्जियां रखे रहते हैं या बम।
ठाकरे ने कहा कि सरकार को बाहर के लोगों को मुफ्त में मकान देने के बजाए पुलिस तंत्र को मजबूत करने के लिये पैसा खर्च करना चाहिए। अस्पतालों को भेंट देने वाले वीआईपी व्यक्तियों की आलोचना करते हुए राज ने कहा क्या वे डॉक्टर हैं? अस्पताल में भीड़ क्यों करते हैं?' बाल ठाकरे यूपी, बिहार या फिर किसी और राज्य को लोगों पर ऐसी बयानबाजी कर क्या साबित करना चाहते है? ऐसा लगता है कि अब एमएनएस सुप्रीमो राज ठाकरे इस बात को समझ चुके हैं कि अब महाराष्ट्र के लोगों में उनका दबदबा खत्म हो रहा है तो ऐसे में इस तरह के बयान उन्हें फिर से चर्चा में ला सकता है।
राज ठाकरे ने कहा कि बाहरी लोग सभी तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं चाहे वह बलात्कार हो या फिर हत्या। उन्होंने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। ठाकरे ने कहा है कि इस बात की निगरानी नहीं की जाती कि रोज कितने लोग मुंबई आते हैं। वो कौन है, कहां से आये हैं और कहां जाते है तथा उनका मुंबई आने का मकसद क्या है। महाराष्ट्र में आने वाले हर बाहरी आदमी की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आज यह कोई नहीं जानता कि सब्जियां लेकर घूमने वाले लोग अपनी टोकरी में सब्जियां रखे रहते हैं या बम।
ठाकरे ने कहा कि सरकार को बाहर के लोगों को मुफ्त में मकान देने के बजाए पुलिस तंत्र को मजबूत करने के लिये पैसा खर्च करना चाहिए। अस्पतालों को भेंट देने वाले वीआईपी व्यक्तियों की आलोचना करते हुए राज ने कहा क्या वे डॉक्टर हैं? अस्पताल में भीड़ क्यों करते हैं?' बाल ठाकरे यूपी, बिहार या फिर किसी और राज्य को लोगों पर ऐसी बयानबाजी कर क्या साबित करना चाहते है? ऐसा लगता है कि अब एमएनएस सुप्रीमो राज ठाकरे इस बात को समझ चुके हैं कि अब महाराष्ट्र के लोगों में उनका दबदबा खत्म हो रहा है तो ऐसे में इस तरह के बयान उन्हें फिर से चर्चा में ला सकता है।
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