लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने कहा है कि जेल में बंद सुरेश कलमाडी की ओर से लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने की अनुमति के लिए दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख संसदीय लोकतंत्र की मजबूती में सहायक नहीं है।
चटर्जी के मुताबिक, अदालत ने कहा, ' संसद में ऐसा कुछ महत्वपूर्ण नहीं होने जा रहा कि अगर आप (कलमाडी) संसद सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे तो सरकार गिर जाएगी। ' इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ संसदीय कार्यवाही भी महत्वपूर्ण है। चटर्जी ने हालांकि स्पष्ट किया कि यह निर्णय न्यायपालिका को करना है कि उन्हें संसद की कार्यवाही में भाग लेने की इजाजत दी जाए या नहीं। कॉमनवेल्थ गेम्स में हुए करोड़ों रुपए के घोटालों के आरोपी कलमाडी ने सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में भाग लेने की इजाजत मांगी थी। इस सिलसिले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनसे लोकसभा में हाजिरी का पिछले पांच साल का ब्यौरा मांगा था।
1 टिप्पणी:
इस तरह के फ्राडिये अगर संसद के सत्र में उपस्थित रहेंगे तो लोकतंत्र मज़बूत होगा क्या ...
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