प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अन्ना हजारे से अनशन खत्म करने की अपील की है साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोकपाल ड्राफ्ट पर बहस के लिए तैयार हैं.
बढ़ते भ्रष्टाचार पर गुरुवार को लोकसभा में बहस का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार देश के लिए बड़ा मुद्दा है. हम हर लोकपाल ड्राफ्ट पर बहस के लिए तैयार हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मुरली मनोहर जोशी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के भ्रष्टाचार मे लिप्त होने की अनदेखी कर रहे हैं. इस आरोप का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएसी (लोक लेखा समिति) और सुप्रीम कोर्ट जिन मुद्दों पर जांच कर रहे हैं, उन्हें लेकर उन पर लग रहे आरोपों का जवाब देना उनकी गरिमा के अनुरूप नहीं है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरा 41 साल का जीवन बेदाग है लेकिन कल मुरली मनोहर जोशी ने मुझ पर निजी हमला किया. अपने ऊपर लगे आरोपों से मैं दुखी हूं. प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने मन से देश की सेवा की है. इसके बावजूद मुझ पर कई आरोप लगे." उन्होंने कहा, "मैं भ्रष्टाचार में शामिल नहीं. मेरी संपत्ति की जांच करा सकते हैं."
मनमोहन सिंह ने कहा कि हो सकता है कि उनसे गलतियां हुई हों लेकिन उन्होंने कभी भी भ्रष्टाचार की अनदेखी नहीं की. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कई कारण हैं. सरकार भ्रष्टाचार के खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और हालात सुधारने की कोशिश की जा रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "सरकार तंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी." उन्होंने कहा, "हमें भ्रष्टाचार के अभिशाप से निपटने के लिए विश्वसनीय समाधान तलाशने की आवश्यकता है." लोकपाल मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोकपाल विधेयक पर आम सहमति बने. प्रधानमंत्री ने अन्ना हजारे पक्ष और सरकार के बीच बने गतिरोध को तोड़ने के लिए संसद की सर्वोच्चता बनाये रखने के साथ समाज के पक्ष की बात को भी समाहित करने का सुझाव रखा.
गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि अन्ना हजारे, अरुणा राय, जयप्रकाश नारायण और सरकार के लोकपाल विधेयक सहित इस संदर्भ के सभी मसौदों के मजबूत और कमजोर पक्षों पर संसद में चर्चा करके उनका निचोड़ संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए. अन्ना हजारे के अनशन पर उन्होंने कहा, "मैं अन्ना की इज्जत करता हूं. प्रधानमंत्री ने अन्ना से अनशन खत्म करने की अपील की."

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