सरकार को सीधे तौर पर चुनौती देने वाले टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल के पीछे सरकार ने सरकारी विभागों को लगा दिया है। आयकर विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा है जिसमें उन पर 9 लाख रुपए बकाया होने का आरोप लगाया गया है। इस मामले पर जवाब देने के लिए अरविंद केजरीवाल आज दोहपर प्रेस काफ्रेंस बुलाएंगे। आयकर विभाग में ही एडिशनल इनकम टैक्स कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने 2006 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था। विभाग ने उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
आयकर विभाग ने अरविंद केजरीवाल पर सर्विस बॉन्ड का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल को जो नोटिस भेजा गया है उसमें उन पर स्टडी लीव के के बाद अपनी सर्विस दोबारा शुरू न करने की बात कही गई है। सरकार के नियमों के मुताबिक किसी भी सरकारी अधिकारी का इस्तीफा इस शर्त पर स्वीकार किया जाता है कि उस पर कोई कर्ज न हो। इस नोटिस में अरविंद केजरीवाल पर लगे जुर्माने की जानकारी भी दी गई है। जिसके मुताबिक स्टडी लीव के बाद नौकरी ज्वाइन न करने की वजह से सरकार ने उन पर 2 साल की सर्विस की सैलरी लौटाने का जुर्माना लगाया है। जिसमें सैलरी 3.50 लाख और उसका ब्याज 4.16 लाख बनता है। इसके अलावा उस सयम 50 हजार के लिए गए लोन पर भी ब्याज सहित 1 लाख रुपए होने की डिटेल दी गई है।
अरविंद केजरीवाल इन सभी आरोपों को गलत बता रहे हैं। उनका कहना है कि सर्विस की शर्तों के मुताबिक उन्होंने स्टडी लीव के बाद नौकरी जारी रखी थी। केजरीवाल ने बताया कि 2002 को स्टडी लीव के बाद उन्होंने ऑफिस ज्वाइन किया था। जिस वजह से उन्हें किसी भी तरह जुर्माना नहीं लगाया जा सकता। अरविंद केजरीवाल ने आयकर विभाग के इस नोटिस का जवाब गुरुवार को दे दिया है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि अगर मैंने शर्तों का उलंघन किया है तो सरकार अब तक चुप क्यों थी।
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