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रविवार, 11 सितंबर 2011

भारत ने विदेशी गुप्तचर एजेंसियों से मदद मांगी.


हाईकोर्ट बम विस्फोट मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने दक्षिणपूर्व एशिया की विदेशी गुप्तचर एजेंसियों से पूछा है कि क्या उनकी पकड़ में कोई ऐसा संकेत अथवा बातचीत आयी है जिससे बुधवार को हुए विस्फोट के बारे में कोई सुराग मिल सके। 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ता विदेशी गुप्तचर एजेंसियों के साथ लगातार सम्पर्क में हैं, विशेष रूप से अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी से ताकि विस्फोट से संबंधित सूचना मिल सके। विदेशी गुप्तचर एजेंसियों से मिलने वाली सूचना का उद्देश्य यह पता लगाना है कि विस्फोट को देश में विकसित ऐसे आतंकवादी संगठन ने अंजाम दिया, जिसका संबंध सीमापार से है अथवा इसे पड़ोसी देश के किसी आतंकवादी समूह ने अंजाम दिया।

जांचकर्ता विदेशी एजेंसियों की यह पता लगाने के लिए भी मदद ले रहे हैं कि वह ईमेल का स्रोत कहां था, जिसमें उस विस्फोट की जिम्मेदारी ली गई थी। गौरतलब है कि इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
गृह मंत्री पी चिदंबरम ने गत शुक्रवार को कहा था कि इस मामले को सुलझाने के लिए अन्य देशों की एजेंसियों से सम्पर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, हम विश्व की अन्य एजेंसियों से भी मदद ले रहे हैं।

भारतीय अधिकारी गत कुछ सप्ताहों के दौरान पकड़े गए खुफिया संकेतों, पकड़ी गई बातचीत, ज्ञात आतंकवादियों और उनके संगठनों की गतिविधियों से संबंधित आकड़ों के विश्लेषण के लिए विदेशी एजेंसियों की मदद ले रहे हैं।  चिदंबरम ने यह भी कहा है कि सभी सूचनाओं और सुरागों को गंभीरता से लेकर उनकी जांच की जा रही है।

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