बिहार से अपराध को खत्म करने का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा खोखला नजर आ रहा है। नीतीश की पार्टी ने सीवान के दरौंदा उपचुनाव में टिकट देने का जो पैमाना अपनाया है, उसे देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। इलाके के कुख्यात अपराधी अजय सिंह को जब टिकट देने में परेशानी हुई तो नीतीश जी ने उन्हें शादी करने की सलाह दे दी। आनन-फानन में अजय सिंह ने पितृपक्ष में ही शादी कर ली और तोहफे में पार्टी ने उनकी दुल्हन को दरौंदा से पार्टी का टिकट दे दिया। सीवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र की विधायक जगमातो देवी के निधन के बाद खाली पड़ी इस सीट पर उपचुनाव की तारीख के घोषणा के बाद राजनीतिक गतिविधियों में अचानक उबाल आ गया। पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए से जगमातो देवी ने आरजेडी के प्रफेसर बी. के. सिंह को हराया था। जगमातो देवी इलाके के कुख्यात अपराधी अजय सिंह की मां थीं। उनकी मौत के बाद अजय सिंह पार्टी से टिकट चाह रहे थे। लेकिन, उनकी दागदार छवि के कारण पार्टी को टिकट देने में परेशानी हो रही थी।
नीतीश जी ने उन्हें पितृपक्ष में ही शादी करने की सलाह दे डाली और कहा कि शादी के बाद हम आपकी पत्नी को टिकट दे देंगे। हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान सभी शुभकार्य वर्जित होते हैं, परंतु इसी दौरान पिछले शनिवार को जगमातो के बेटे अजय सिंह ने विधि-विधान से कविता के साथ विवाह रचाया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अजय ने टिकट की खातिर ही पितृपक्ष में कविता से विवाह रचाया। उनका यहां तक कहना है कि साफ छवि का दंभ भरने वाले जेडीयू नेताओं के सामने बाहुबली अजय को टिकट देने में दिक्कत हो रही थी, इस कारण अजय का विवाह करवाकर साफ छवि की कविता को टिकट थमा दिया गया।
अजय भी कहते हैं कि कुछ नेताओं को उन्हें टिकट देने में परेशानी हो रही थी, लेकिन उनकी पत्नी को पार्टी द्वारा 'खोइंछा' (आंचल में दिया जाने वाला उपहार) के रूप में टिकट देने में परेशानी नहीं हुई। वह कहते हैं कि वह उपचुनाव में अपनी पत्नी की मदद करेंगे, जिस तरह पूर्व में मां की मदद करते रहे। शुक्रवार को अपना नामांकन का पर्चा दाखिल करते हुए कविता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपने को साकार करने के लिए तैयार हैं। वह कहती हैं,''राजनीति में मैं नई जरूर हूं लेकिन लोगों के आशीर्वाद से सब सीख जाऊंगी।''
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