सुरक्षा के लिए हमें अमरीका की जरुरत नहीं. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 30 सितंबर 2011

सुरक्षा के लिए हमें अमरीका की जरुरत नहीं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने चरमपंथी गुट हक्कानी नेटवर्क को लेकर अमेरिकी आरोपों को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ और कार्रवाई के लिए उनके देश पर दबाव नहीं बनाया जा सकता। एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि अमेरिकी आरोप हैरान करने वाले हैं, जबकि विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि पाकिस्तान अपनी गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान सम्मान एवं आदर पाने योग्य राष्ट्र है और अपनी राष्ट्रीय हितों की चुनौतियों से निपटने और उनसे उबरने की उसमें पर्याप्त क्षमता है। अमेरिकी ज्वाइंट चीफ आफ स्टॉफ के अध्यक्ष माइक मुलेन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर हमला करने वाले आईएसआई के तत्व 'बेहद सक्रिय' हैं।


चरमपंथी गुट हक्कानी नेटवर्क को लेकर अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद बुलाई गई विशेष उच्चस्तरीय बैठक में गिलानी ने देश के राजनीतिक नेतृत्व को सम्बोधित किया और चुनौतियों का सामना करने के लिए लोगों से एकजुट होने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मसलों का हल जिम्मेदार और सकारात्मक तरीके से निकालने की जरूरत है और समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता है। अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों का आरोप है कि 13 सितम्बर को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले और 11 सितम्बर को एक अन्य हमले हक्कानी नेटवर्क ने अंजाम दिए और इन हमलों में आईएसआई ने उसकी मदद की। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टॉफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन ने 22 सितम्बर को पाकिस्तानी सरकार पर अल कायदा से जुड़े हक्कानी नेटवर्क को मदद पहुंचाने का आरोप लगाया था। उन्होंने हक्कानी नेटवर्क को आईएसआई की एक 'वास्तविक शाखा' बताया।

गिलानी ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ और कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव नहीं बनाया जा सकता।" प्रधानमंत्री ने अमेरिका के बयानों को 'आश्चर्यचकित' करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आपसी सम्मान और मर्यादा पर आधारित सम्बंध बनाने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय सम्प्रभुता की सुरक्षा और उसे बनाए रखना हमारी पहली प्राथमिकता है।" गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान सम्मान एवं आदर पाने योग्य राष्ट्र है और अपनी राष्ट्रीय हितों की चुनौतियों से निपटने और उनसे उबरने की उसमें पर्याप्त क्षमता है। अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो जाने के बाद गिलानी, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने बुधवार देर रात बैठक कर अमेरिका के साथ तनावपूर्ण सम्बंधों के बाद देश के समक्ष मौजूद मसलों की समीक्षा की।

उधर, खार ने नेशनल पब्लिक रेडियो पर बुधवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में मुलेन के बयान पर कड़ा ऐतराज व्यक्त करते हुए कहा कि कोई एकतरफा समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा, "हमें इस तरह के बयान पर सख्त ऐतराज है, जिसे उस मुल्क का प्रतिनिधित्व करने वाले ऐसे शख्स ने दिया है जिसके साथ हमने आतंकवाद रोधी कई अभियानों में कामयाबी हासिल की है।" उन्होंने कहा, "किसी भी देश की सम्प्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। आप पाकिस्तानियों को यह संदेश नहीं देना चाहते कि उनकी जिंदगियां आपके जीवन से कम महत्वपूर्ण हैं। यह खराब संदेश है।" उधर, मुलेन ने बुधवार को सीएनएन के साथ साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर हमला करने वाले आईएसआई के तत्व 'बेहद सक्रिय' हैं। इस बीच व्हाइट हाउस ने यह कहते हुए मुलेन के बयान से खुद को अलग किया कि वह इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा। व्हाइट हाऊस के प्रवक्ता जे कार्ने ने हालांकि कहा कि ओबामा प्रशासन हक्कानी नेटवर्क तथा आईएसआई के बीच 'सम्बंध' के अपने आकलन पर कायम है और पाकिस्तान को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।

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